Ganesh Chaturthi: बप्पा के हर अंग में छिपा है जीवन का संदेश जानें, अनूठा रहस्य

punjabkesari.in Monday, Sep 02, 2024 - 11:20 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Ganesh Utsav: भगवान गणेश प्रथम पूज्य देवता माने जाते हैं। किसी भी नए काम की शुरुआत करने से पहले बप्पा की पूजा होती है। इन्हें मंगलकारी, बुद्धिदाता और विग्घहर्ता भी कहा जाता है। गणेश चतुर्थी की शुरुआत होने जा रही है। गणेश उत्सव को लेकर देशभर के लोगों में बहुत उत्साह देखने को मिल रहा है। गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे 10 दिनों तक मनाया जाता है और अनंत चतुर्थी पर उनका विसर्जन किया जाता है। गणेश चतुर्थी की शुरुआत से ही लोग अपने घर में बप्पा की मूर्ति स्थापित करते हैं। माना जाता कि इन दिनों में प्रथम पूज्य देवता गणेश जी की मूर्ति घर स्थापित करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। तो आइए जानते हैं कि सभी दुखों को दूर करने वाले और मन की हर मनोकामना की पूर्ति करने वाले गजानन के स्वरूप के बारे में-

बड़ा मस्तक 
बड़ा मस्तक भगवान गणेश की कुशाग्र बुद्धि का प्रतीक है। अपनी इसी बुद्धि के प्रयोग से इन्होंने बड़े से बड़े युद्ध में विजय प्राप्त की है। गणेश जी का बड़ा मस्तक यह सन्देश देता है कि जीवन में कोई भी बड़ा फैसला लेने के लिए बुद्धि का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। 

अंकुश
अंकुश का अर्थ होता है नियंत्रण। किसी भी काम में सफलता प्राप्त करने के लिए मन की चंचलता पर अंकुश रखना बहुत आवश्यक होता है। अंकुश जागृत होने का भी प्रतीक होता है। मन की बुराइयों से विजय प्राप्त करने के लिए अंकुश लगाना बेहद ही जरुरी है। 

PunjabKesari Ganesh Chaturthi

बड़े कान
बड़े कान के कारण गणेश जी को शूपकर्ण कहा जाता है। भगवान गणेश जी के बड़े कानों का अर्थ है कि हमें सबकी सुननी चाहिए लेकिन बहुत सोच-विचार करके ही कोई काम करने का फैसला लेना चाहिए। 

लंबोदर 
लंबे उदर वाले पेट के कारण भगवान गणेश लंबोदर के नाम से भी जाना जाता है। बप्पा का लंबोदर पेट समृद्धि का प्रतीक है। इसका मतलब है वो सभी अच्छी बुरी बातों को अपने पेट में पचा लेते हैं। 

मूषक वाहन 
भगवान गणेश का मूषक वाहन उनके मन के हर एक कोने तक पहुंचने की इच्छा और क्षमता को दर्शाता है।  इसका अर्थ है शत्रु को अपने वश में करने के साथ ही सूझबूझ से मुश्किल हालात को संभालना है। 

छोटे नेत्र
बप्पा को गजानन कहा जाता है क्योंकि उनका हाथी का मस्तक है। हाथी का सिर होने की वजह से गणेश जी ने नेत्र बहुत छोटे हैं। ये छोटे नेत्र हमें ये सीख देते हैं कि हमें हमेशा सचेत रहना चाहिए। 

PunjabKesari Ganesh Chaturthi

एकदंत
गणेश जी का एक दांत उनके त्याग का प्रतीक माना जाता है। इससे हमें कम संसाधनों का भी पूरा सहयोग करने की सीख मिलती है। भगवान गणेश ने अपने टूटे दांत से ही महाभारत ग्रंथ लिखा था। 

स्वर्ण आभूषण
भगवान गणेश के स्वर्ण आभूषण समृद्धि और सौंदर्य का प्रतीक हैं। यह व्यक्ति को विपरीत परिस्थिति में भी आर्थिक संकट से उबरने की शिक्षा देते हैं। 

मोदक प्रसाद
बप्पा का प्रिय भोग मोदक है। हिंदू धर्म में गणेश जी की किसी भी पूजा में मोदक अर्पित करना बहुत ही श्रेष्ठ माना जाता है। यह व्यक्ति के मुश्किल परिश्रम पुरस्कार को दर्शाता है।   

बड़ी नाक 
गणेश जी की बड़ी नाक मुश्किलों को पहचानने का प्रतीक है। इसका मतलब कोई भी समझदार व्यक्ति अपने आस-पास होने वाली चीजों को पहले ही भांप लेता है।

PunjabKesari Ganesh Chaturthi


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Prachi Sharma

Related News