देश के दुर्लभ मंदिरों में शामिल है ये मंदिर, आप भी जानें कहां है?

punjabkesari.in Sunday, Nov 14, 2021 - 04:26 PM (IST)

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हमारे देश में अगिनत मंदिर है,  जिनसे जुड़े रहस्य व तथ्य अपने आप में बेहद अनोखे व अद्भुत है। तो आज हम आपको भारत देश में स्थित ऐसे ही खास मंदिरों के बारे में जानकारी देने वाले हैं, जो अपने साथ जुड़े पौराणिक तथ्यों आदि के चलते न केवल देश में बल्कि विदेशों में खूब प्रसिद्ध हासिल किए हुए हैं। तो आइए जानें कहा हैं ये मंदिर, और क्या है इनकी जुड़ी विशेष बातें जो इन्हें बनाती हैं बेहद खास व प्रसिद्ध- 

वेद नारायण स्वामी मंदिर
आंध्र प्रदेश के चित्तूर में स्थित वेदनारायण मंदिर भगवान विष्णु के वेदनारायण अथवा मतस्य अवतार को समर्पित है इसलिए इसे देश के सर्वाधिक दुर्लभ मंदिरों में से एक माना जाता है।  यह मंदिर विजयनगर साम्राज्य की सुंदर वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह सूर्य पूजा उत्सव के लिए भी बहुत विख्यात है जिसे एक विलक्षण खगोलीय घटना भी माना जाता है। इस दौरान साल में 3 दिनों के लिए मंदिर के गर्भगृह में स्थापित वेदनारायण प्रतिमा पर सूर्य की किरणें सीधी पड़ती हैं। पहले दिन किरणें प्रतिमा के चरणों को स्पर्श करती हैं, दूसरे दिन वे नाभि तक पहुंचती हैं और तीसरे दिन वे मस्तक को छूती हुई गुजर जाती हैं। 

श्री वेदकमंथन मंदिर
केरल के त्रिची में स्थित यह भगवान परशुराम द्वारा बनाए गए 108 मंदिरों में से एक है। यह केरल का सबसे बड़ा शिव मंदिर है। विशेषता है कि यहां स्थापित देव प्रतिमा मक्खन तथा घी से पूरी तरह ढंकी रहती है। मंदिर वास्तुकला की केरल शैली का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसके चारों किनारों पर एक-एक सुंदर मीनार है। इस मंदिर के भीतर  महाभारत काल के दृश्यों को चित्रित करती कई पेंटिंग्स बनी हैं। मंदिर तथा भीतर बनी पेंटिंग्स को भारत की राष्ट्रीय धरोहर का दर्जा प्राप्त है।

श्री महालसा नारायणी देवी मंदिर
गोवा के पोंडा में स्थित यह मंदिर भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार को समर्पित है। यहां महालसा को ही मोहिनी के रूप में पहचाना जाता है इसलिए मंदिर की देवी को महालसा नारायणी देवी पुकारा जाता है। रविवार का दिन इस मंदिर तथा देवी के लिए विशेष महत्व रखता है। महालसा प्रतिमा के 4 हाथ हैं जिनमें से एक में त्रिशूल, एक में तलवार, एक में कटा हुआ सिर और एक में पीने का पात्र है। स्थानीय निवासी उन्हें मोहिनी रूप में पूजते हैं और नारायणी तथा राहू-मथानी (राहू वधकर्ता) नामों से भी बुलाते हैं, जैसा की भविष्य पुराण में कहा गया है।


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Content Writer

Jyoti

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