आज करें हनुमान जी के इन विशेष मंदिरों के दर्शन
punjabkesari.in Wednesday, Jan 22, 2020 - 10:03 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कहते हैं कि जिन लोगों को डर या भय सतात हो तो उन्हें हर रोज़ हनुमान चालीसा पाठ का जाप या भगवान के नाम का जाप करते रहना चाहिए। ऐसा हर रोज करने से भय दूर भाग जाता है। शास्त्रों में भगवान हनुमान सर्मपण, त्याग और शक्ति के प्रतीक देवता हैं। वे भगवान शंकर के 11वें रुद्रावतार माने जाते हैं। मान्यता है कि हनुमानजी कलियुग के जीवित देवता हैं और आज भी इस धरती पर विचरण करते हैं। जो भक्त हनुमानजी की सच्चे मन से आराधना करता है वे उनकी मनोकामना बहुत ही जल्द पूरी कर देते हैं। पूरे देश में उनके इतने चमत्कारी मंदिर विख्यात है, जिनकी मान्यताएं अलग-अलग हैं। चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे हनुमान मंदिर के बारे में बताते हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते होंगे।
लेटे हुए हनुमान मंदिर, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के इलाहबाद में संगम तट पर स्थित है हनुमान जी की यह लेटी हुई प्रतिमा। 20 फीट लम्बी इस प्रतिमा को हर साल गंगा जी स्नान कराने के लिए आती हैं। वहीं इस मंदिर के भक्त गंगा के जलस्तर को शुभता की दृष्टि से देखते हैं। मान्यता है कि जिस साल गंगा जी हनुमान जी को स्नान करने में असमर्थ रहती है तो वह उसकी भरपाई अगले वर्ष उन्हें कई बार स्नान कराकर करती हैं।
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हनुमानगढ़ी, अयोध्या
प्रभु श्री राम की जन्मस्थली अयोध्या में स्थित है श्री हनुमान जी का भव्य पावन धाम स्थित है, जिसे लोग हनुमानगढ़ी के नाम से जानते हैं। हनुमान जी के इस मंदिर दर्शन के बगैर अयोध्या की यात्रा अधूरी मानी जाती है।
श्री संकटमोचन मंदिर, वाराणसी
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित यह मंदिर हनुमान भक्तों के लिए एक बेहद रमणीय स्थान है। मान्यता है कि हनुमानजी की यह मूर्ति गोस्वामी तुलसीदासजी के तप एवं पुण्य से प्रकट हुई थी।
द्वारका हनुमान दंडी मंदिर, गुजरात
गुजरात के समुद्री तट पर स्थित बेट द्वारका से 4 मील की दूरी पर स्थित है श्रीहनुमान जी का पावन धाम मौजूद है। इस मंदिर में बजरंगबली मकरध्वज के साथ मौजूद हैं। मान्यता है कि मंदिर में मकरध्वज की मूर्ति हनुमाजन जी के मुकाबले पहले छोटी हुआ करती थी, लेकिन अब दोनों मूर्ति एक समान ऊंची हो गई है।
हनुमान धारा, चित्रकूट
उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में स्थित है हनुमाना धारा, जहां पूरे साल हनुमत भक्तों का तांता लगा रहता है। कहते हैं कि इसी स्थान पर पहली बार तुलसीदास जी को हनुमान जी के दर्शन हुए थे। यहां पहाड़ के सहारे हनुमान जी की एक विशाल मूर्ति स्थित है। जिनके ठीक सिर के पास दो जल के कुंड हैं, जिनमें हमेशा ही जल की धारा बहती रहती है।
नारी स्वरूप में मौजूद हैं हनुमान, बिलासपुर
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर से 25 कि. मी. दूर पर स्थित है बजरंगी का यह पावन धाम है। रतनपुर नाम के इस स्थान को महामाया नगरी के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि विश्व में हनुमान जी का यह अकेला ऐसा मंदिर है जहां वह नारी स्वरूप में मौजूद हैं।
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हनुमान मंदिर, तेलंगाना
हैदराबाद से 220 कि.मी की दूर खम्मम जिला में हनुमानजी और उनकी पत्नी का मंदिर है। इस पावन धाम में बजरंग बली और उनकी पत्नी सुवर्चला की प्रतिमा विराजमान है। मान्यता है कि हनुमानजी और उनकी पत्नी के दर्शन से वैवाहिक जीवन मे आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं।