Eid-ul-Adha 2023: बिना कुर्बानी दिए कुछ हाथ नहीं आता और न ही आएगा
punjabkesari.in Thursday, Jun 29, 2023 - 07:16 AM (IST)
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Eid-ul-Adha 2023: जिंदगी रूपी यात्रा को गुजारने के लिए मनुष्य को संसार में बहुत-सी चीजों की जरूरत पड़ती है, परन्तु ये चीजें वह बिना किसी कुर्बानी (कुछ अर्पण किए) के प्राप्त नहीं कर सकता। मकसद जितना बड़ा होता है, कुर्बानी भी उतनी ही बड़ी होनी जरूरी है। कुर्बानी का इतिहास उतना ही पुराना है, जितना मानव का इतिहास। समय-समय पर महापुरुषों, अवतारों और पीरों ने मानवता की हिदायत के लिए कुर्बानियां दीं।
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कुर्बानी की रस्म प्रत्येक धर्म में चली आ रही है। इस्लाम धर्म में मानवता के मार्गदर्शन के लिए सभी नबियों (अवतारों) और रसूलों ने कई तरह की कुर्बानियां पेश कीं और ईश्वर की रजा (खुशी) प्राप्त की। यहां तक कि इस्लाम के आखिरी पैगम्बर हजरत मोहमद (सल.) की पूरी जिंदगी तरह-तरह की कुर्बानियों से भरी पड़ी है।
कुर्बानी से शिक्षा : कुर्बानी हमें हर प्यारी चीज की कुर्बानी सिखाती है। यह इंसानी दिल में ईश्वर की मोहब्बत पैदा करती है। हर साल कुर्बानी हमें याद दिलाती है कि हालात कुछ भी हों, ईश्वर की नाफरमानी और बुराइयों के विरुद्ध हर किस्म की कुर्बानी देने से झिझक नहीं करनी चाहिए। इतिहास से साबित है कि बिना कुर्बानी दिए कुछ हाथ नहीं आता और न ही आएगा।