महाभारत काल में होती थी इन देवियों की आराधना!

punjabkesari.in Tuesday, Mar 02, 2021 - 04:08 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
कलियुग में विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा की जाती है, मगर आप में से बहुत से ऐसे लोग होंगे जिनके मन में ये सवाल होगा कि क्या रामायण और महाभारत काल में भी मंदिर हुआ करते थे। तो आपको बता दें जी हां, उस काल में भी मंदिर हुआ करते थे। इस बात के कई प्रमाण आज भी पृथ्वी पर मौजूद भी है। धार्मिक शास्त्रों में बताया गया है श्री राम का काल आज से 7129 वर्ष पूर्व था अर्थात 5114 ईस्वी पूर्व का था। इस दौरान श्री राम ने रामेश्वरम में शिवलिंग की स्थापना की थी। जिससे ये साबित होता है कि रामायण काल से शिवलिंग की पूजा की परंपरा थी। तो वहीं श्री राम के काल में सीता द्वारा गौरी पूजा प्रारंभ हुई, ऐसा भी कहा जाता है।  कहने का भाव यह है कि उस काल में भी देवी-देवताओं  की पूजा का अधिक महत्व था। तो आइए आज जानते हैं कि महाभारत काल में किन देवी और देवताओं की पूजा होती थी- 

कहा जाता है कि द्वापर युग यानि महाभारत काल में भगवान श्रीकृष्ण जिन गोपियों का वस्त्र हरण करते हैं वे सभी गोपियां गांव से दूर यमुना तट पर देवी कात्यायिनी के मंदिर में उनकी पूजा के पूर्व स्नान करने जाती थी। कथाओं के अनुसार वस्त्र हरण और स्नान करने की यह घटना तब घटी थी जब श्रीकृष्ण की उम्र मात्र 6 वर्ष की थी।

महाभारत काल के दौरान श्रीकृष्ण के साथ रुक्मणि और अर्जुन के साथ सुभद्रा के भागने के समय दोनों ही द्वारा देवी पूजा के लिए वन में स्थित गौरी माता यानि माता पार्वती के मंदिर की चर्चा है।

कुरुक्षेत्र में युद्ध की शुरुआत से पहले श्रीकृष्ण पांडवों के साथ देवी गौरी के धार्मिक स्थल पर जाकर अर्जुन माता दुर्गा की उपासना करके उनसे युद्ध में विजयी होने का आशीर्वाद लेते हैं।

महाभारत काल गौरी माता के अलावा इंद्रदेव की पूजा कर खास प्रचलन था। हालांकि ऐसा कहा जाता है  कि भगवान श्रीकृष्णी ने उनकी पूजा बंद करवा दी थी।

इसके अलावा महाभारत काल में माता गौरी, शिव और इंद्र के अलावा विष्णु, देवी लक्ष्मी, सूर्य, यक्ष, नाग देव और काल भैरव की पूजा का भी प्रचलन था।
 


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Content Writer

Jyoti

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