इस दिशा में बनाया गया मंदिर घर में लाता है दैवीय कृपा

punjabkesari.in Saturday, Dec 07, 2019 - 07:45 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा स्थल पूर्व-उत्तर या ईशान कोण का ही उत्तम होता है। नारद पुराण के अनुसार ईशान में मंदिर रखना और प्रतिमाओं का मुख पश्चिम में रखना उत्तम माना गया है। ईशान कोण भगवान शिव की, समस्त देवों के गुरु बृहस्पति तथा मोक्षकारक केतु की दिशा मानी गई है। इन सभी कारणों से इसे सबसे शक्तिशाली दिशा माना जाता है। यह अत्यंत शुभ जगह है।

PunjabKesari Dont place temple in this direction 

ईशान कोण में भले ही पूजा स्थल न हो किन्तु इस दिशा में कभी कूड़ा-कर्कट, झाड़ू, जूते आदि न रखें। इस दिशा में की गई सभी पूजा साधना सिद्ध होती हैं तथा फलदायक होती हैं। अगर आप एक से अधिक देवी-देवता की पूजा करते हों तो अपनी पूजा की जगह के बीच में श्री गणेश, ईशान कोण में विष्णु या उनके अवतारी श्री कृष्ण, अग्रिकोण में भगवान शिव, नैऋत्दत्य कोण में सूर्य तथा वायव्य कोण में सूर्य की स्थापना करनी चाहिए।

PunjabKesari Dont place temple in this direction 

पुराणों के अनुसार सबसे पहले सूर्य की और उसके बाद क्रम से श्री गणेश, मां दुर्गा, भगवान शिव और श्री विष्णु की पूजा करनी चाहिए, पूर्व दिशा की ओर मुंह करके जिस किसी भी काम को किया जाता है, उसका परिणाम उत्तम होता है। इसी कारण पूर्व दिशा की ओर मुंह करके की गई पूजा अच्छा फल देने वाली होती है।

PunjabKesari Dont place temple in this direction 

जो व्यक्ति मोक्ष की कामना लेकर पूजा करते हैं, उन्हें ईशान कोण में पूर्वाभिमुख हो भगवान की पूजा या ध्यान करना चाहिए। ऐसी पूजा में प्रतिमाओं तथा चित्रों का मुख पश्चिम दिशा की ओर होता है। जो लोग सांसारिक सुख-साधन की कामना से पूजा करते हैं उन्हें ईशान कोण में ऐसे स्थान पर प्रतिमाओं व चित्रों की स्थापना करनी चाहिए। जिसमें प्रतिमाओं का मुख पूर्व की ओर हो और साधक पश्चिम की ओर मुंह करके बैठे। ईशान कोण में निर्मित पूजा स्थल पर अग्रि का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। यह जलतत्व की दिशा है इसलिए यहां अधिक समय तक दीप, धूप बत्ती आदि नहीं जलानी चाहिए। इसके परिणाम ठीक नहीं होते। ईशान कोण में भारी सामान तथा ऊंचा सामान नहीं रखना चाहिए। इस दिशा में भारी एवं ऊंचा मंदिर नहीं बनाना चाहिए।

PunjabKesari Dont place temple in this direction 

घर के अंदर मंदिर रखना ही चाहते हैं तो पूर्व की दीवार से 6-7 इंच दूरी पर हल्का व छोटा लकड़ी का मंदिर बना कर रखा जा सकता है। उस दीवार में आला बनवा कर उसमें मूर्ति रखी जा सकती है।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Niyati Bhandari

Related News