Kundli Tv- क्या मां लक्ष्मी के इस भाई को जानते हैं आप...

punjabkesari.in Friday, Jul 13, 2018 - 12:17 PM (IST)

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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शंख की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। यह हिन्दू धर्म का प्रतीक और अति पवित्र माना जाता है। बहुत से लोग शंख को अपने पूजाघर में रखते हैं और इसे नियम‍ित रूप से बजाते भी हैं। मंगल और धार्मिक कार्यों में इसको बजाना शुभ माना गया है। विष्णु पुराण में शंख को लक्ष्मी जी के भाई के रूप में बताया गया है। वैज्ञानिक तथ्यौं के अनुसार इसे बजाने से व्यक्ति के दिल की मासपेशियां मज़बूत होती है, स्मरण शक्ति बढ़ती है और सांस सम्बन्धी रोगों से भी मुक्ति मिलती है। यह भी माना जाता है की शंख ध्वनि से रोगों का नाश होता है। 

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शंख तीन प्रकार के बताए गए है, वामावर्ती, दक्षिणावर्ती और मध्यवर्ती। दक्षिणावर्ती शंख भगवान विष्णु का और वामावर्ती शंख माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। शंख की स्थापना करने के लिए दीपावली, होली, महाशिवरात्रि, नवरात्र, रवि-पुष्य, गुरु-पुष्य नक्षत्र आदि ये शुभ मुहूर्त मानें जाते है। आपको इसके महत्वों और फायदों के बारे में बतानें जा रहें हैं।

वैज्ञानिक मतानुसार शंख की ध्वनि से वातावरण शुद्ध होता है और कीटाणुओं का भी नाश होता है। 

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थोड़ा चूने का पानी शंख में भर कर पीने से शरीर में कैल्शियम की कमी ठीक होती है।

शंख बजाने से वाणी दोष भी समाप्त होता है।

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शंख की आवाज़ को अच्छा माना गया है इसे सुनकर लोगों के मन में सकारात्मक विचार पैदा होते हैं। अच्छे विचारों का फल भी अच्छा ही होता है।

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Jyoti

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