क्या आप जानते हैं चंद्रमा के घटने और बढ़ने का रहस्य ?

punjabkesari.in Tuesday, Jul 23, 2019 - 10:07 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा (Video)
ज्योतिष शास्त्र में कुल 9 ग्रह बताए गए हैं और इन्हीं में से सबसे तेज़ चलने वाला ग्रह चंद्र माना गया है। जिसके मुताबिक ये हर ढाई घंटे में राशि बदलता है। शास्त्रों के अनुसार इसे सबसे सुंदर और चमकीला ग्रह कहा गया है। आज हम आपको चंद्र से जुड़ी कुछ तथ्यों के बारे में बताने जा रहे हैं, जोकि बहुत कम लोग जानते होंगे। 
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चंद्र ग्रह की उत्पत्ति को लेकर बहुत से कथाएं शास्त्रों में वर्णित हैं। एक पौराणिक कथा एक मुताबिक जब ब्रह्माजी सृष्टि की रचना कर रहे थे, तब उन्होंने अपने मानस पुत्र ऋषि अत्रि को उत्पन्न किया। ऋषि अत्रि का विवाह कर्दम मुनि की कन्या अनुसूया से हुआ था। अत्रि और अनुसूया के तीन पुत्र थे। दुर्वासा ऋषि, भगवान दत्तात्रेय और सोम यानि चंद्र।

जब चंद्र बड़ा हुआ तो उसका विवाह दक्ष प्रजापति की 27 कन्याओं से हो गया। इन कन्याओं के नाम पर ही 27 नक्षत्र बताए गए हैं। चंद्र जब इन 27 नक्षत्रों का चक्कर लगा लेता है, तब एक मास पूरा होता है।
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वहीं एक दूसरी मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन के समय जब विष निकला तो उसे शिवजी ने अपने कंठ में ग्रहण किया। ऐसा कहा जाता है कि विष की जलन को शांत करने के लिए शिवजी ने चंद्र को अपने मस्तक पर धारण किया।

अक्सर ऐसा देखा जाता है कि चंद्रमा हमेशा घटता-बढ़ता रहता है। इस संबंध में भगवान श्रीगणेश से जुड़ी एक कथा प्रचलित है। जिसके अनुसार एक बार गणेशजी कुबेर देव के यहां से भोजन करके लौट रहे थे। तभी चंद्रदेव गणेशजी के विचित्र स्वरूप को देखकर हंसने लगे। जब गणेशजी को चंद्र के हंसने की आवाज आई तो उन्होंने क्रोधित होते हुए और चंद्र को श्राप दिया कि अब से कोई भी चंद्र की सुंदरता को देख नहीं सकेगा। 
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ये सुनते ही चंद्र को अपनी भूल का अहसास हो गया और वह भगवान से क्षमा याचना करने लगा। गणेशजी का क्रोध शांत हुआ तो उन्होंने कहा कि मेरा श्राप प्रभावहीन नहीं हो सकता है, लेकिन अब माह में सिर्फ एक दिन तुम्हें कोई देख नहीं सकेगा और एक दिन सभी लोग तुम्हें संपूर्ण कलाओं के साथ देख सकेंगे। तुम अब घटते-बढ़ते रहोगे। तभी से चंद्र अमावस्या पर दिखाई नहीं देता और पूर्णिमा पर पूरी कलाओं के साथ उदय होता है।


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