Chanakya Niti: ये गुण केवल मां के गर्भ से ही मिलते हैं
punjabkesari.in Tuesday, Jul 13, 2021 - 02:51 PM (IST)

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आचार्य चाणक्य ने अपने नीति सूत्र में मानव जीवन से जुड़े कई तथ्य व महत्वपूर्ण पहलू बताए हैं। इसमें इन्होंने सफलता और संघर्ष को काफी दिया है। चाणक्य कहते हैं कि जीवन संघर्ष में व्यक्ति की कामयाबी उन तत्वों पर निर्भर करती है जो उसको जन्मजात से मिलते हैं। ज्ञान और अनुभव के आधार पर भले ही जीवन की हर परिस्थिति का सामना किया जा सकता है, परंतु सुख दुख में और विचलित साहस मधुरता और उदारता व्यक्ति की अपनी ही होती है। इसके ही अमल से व्यक्ति अपने जीवन में सफलता की बुलंदियों पर पहुंच सकता है। चाणक्य के अनुसार छल से बड़ा पापी कोई नहीं होता यह व्यक्ति का नाश कर देता है। जो इंसान अपने समाज को छोड़कर दूसरे से ज्यादा मिलता है उसका नाश ठीक उसी प्रकार के राजा की तरह होता है जो अधर्म पर चलते हुए अपनी प्रजा का काल बन जाता है।
चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताते हैं कि एक दिया अंधकार से काफी छोटा होने के बावजूद उसे पूरी तरह खत्म कर सकने में सक्षम होता है। उसी तरह एक शब्द गुण व्यक्ति अपने दुर्गुणों की कतार को खत्म कर सकता है। वास्तव में वही व्यक्ति बड़ा है जिसकी शक्ति छा जाए। चाणक्य नीति के अनुसार क्योंकि आकार कोई मायने नहीं रखता है।
इसके अतिरिक्त आचार्य चाणक्य कहते हैं कि एक गुणवान व्यक्ति को वह सब कुछ दान कर देना चाहिए जो उसके पास उसकी जरूरत से अधिक है। उदाहरण के तौर पर सिर्फ दान से ही कर्ण,बाली और राजा विक्रमादित्य ने समाज में एक अलग मान सम्मान आया था।
आचार्य चाणक्य की नीति के मुताबिक आज दुनिया में केवल वही लोग सुखी हैं जो संबंधियों के प्रति उधार है, अनजाने लोगों के प्रति सह्रदय है, और अच्छे लोगों के प्रति प्रेम रखते हैं। दुश्मनों के सामने साहस दिखाते हैं और खुद से बड़ों के प्रति पूरी तरह विनम्र है वर्तमान समय में केवल वही व्यक्ति अपने जीवन में खुश हैं।