चाणक्य नीति सूत्र: खुद पर विश्वास रखने वाले ‘मुहूर्त’ नहीं देखते

punjabkesari.in Sunday, Mar 07, 2021 - 04:40 PM (IST)

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आचार्य चाणक्य कहते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने ऊपर विश्ववास रखना चाहिए। जो व्यक्ति अपने आप पर विश्वास करता है, वो अपने जीवन में अति शीघ्र सफलता को पाता है। परंतु यहां पर व्यक्ति के लिए ये बात समझनी भी अति आवश्यक होती है कि विश्वास को कभी हद से ज्यादा भी नहीं बढ़ने देना चाहिए। इसके अलावा एक अन्य नीति में चाणक्य ने बताया है कि जब किसी व्यक्ति से हमारा परिचय हो जाता है तो हमारे गुण-दोष धीेरे-धीरे सबके सामने खुलने लगते हैं। 

तो आइए जानते हैं चाणक्य के इस नीति श्लोक तथा इसके भावार्थ के बारे में- 

न त्वरितस्य नक्षत्र परीक्षा
चाणक्य नीति श्लोक- 
अपने कार्य की शीघ्र सिद्धि चाहने वाला व्यक्ति नक्षत्रों की परीक्षा नहीं करता जिन्हें अपने ऊपर तथा अपने साधनों पर पूरा विश्वास होता है वे नक्षत्रों के चक्कर में नहीं पड़ते। उनका कार्य भी शीघ्र होता है। आत्मविश्वास उनका सबसे बड़ा सहायक होता है।

परिचय हो जाने के बाद ‘दोष’ नहीं छिपते
चाणक्य नीति श्लोक- 
परिचये दोषा न छाद्यन्ते।
जब कोई व्यक्ति किसी से परिचित हो जाता है तब शनै:शनै: उसके सभी गुण दोष खुलते चले जाते हैं।


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Content Writer

Jyoti

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