चाणक्य नीति: विद्यार्थियों को सफलता पाने के लिए नहीं करने चाहिए ये काम

punjabkesari.in Thursday, Dec 01, 2016 - 09:47 AM (IST)

जीवन को सही दिशा देने के लिए शिक्षा बहुत जरुरी है। अच्छी शिक्षा ही अच्छा भविष्य बना सकती है। इसी वजह से पढ़ाई के दिनों में छात्र-छात्राओं को विशेष सावधानी रखनी चाहिए। इन दिनों में यदि कोई विद्यार्थी रास्ता भटक जाता है तो उसका पूरा जीवन बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है। चाणक्य ने ऐसी बातों के बारे में बताया है जिनसे दूरी बनाकर विद्यार्थी को शिक्षा प्राप्त करने में सफलता मिल सकती है। 

 

श्लोक-
कामक्रोधौ तथा लोभं स्वायु श्रृड्गारकौतुरके।
अतिनिद्रातिसेवे च विद्यार्थी ह्मष्ट वर्जयेत्।।

 

इस श्लोक में चाणक्य ने ऐसी बातों के बारे में बताया है, जिनसे दूरी बनाकर रखने से उसे सफलता प्राप्त हो सकती है। 

 

* जिन विद्यार्थियों का मन सजने-संवरने में लग जाता है, वह अपना ज्यादातर समय इन्हीं बातों में गवां देता है। ऐसे विद्यार्थियों के मन में हर समय स्वयं को सबसे सुंदर अौर अलग दिखने की बातें चलती रहती है। सजने-संवरने के बारे में सोचने वाला विद्यार्थी कभी भी एक जगह ध्यान केंद्रित करके विद्या प्राप्त नहीं कर पाता। विद्यार्थी को ऐसे परिस्थितियों से बचना चाहिए।

 

* जिसकी जीभ उसके वश में नहीं होती, वह सदैव ही स्वादिष्ट व्यंजनों की खोज में लगा रहता है। ऐसा विद्यार्थी अन्य बातों को छोड़ कर केवल खाने के बारे में ही सोचता रहता हैं। स्वादिष्ठ व्यंजनों के चक्कर में विद्यार्थी अपने स्वास्थ के साथ समझौता कर बैठता है। विद्यार्थी को अपनी जीभ पर कंट्रोल रखना चाहिए ताकी वह अपने स्वास्थ्य और अपनी विद्या दोनों का ध्यान केंद्रित कर सके।

 

* विद्यार्थी को अपने जीवन में आने वाली कठिनाइयों पर कम अौर विद्या पर अधिक ध्यान देना चाहिए। कई बार विद्यार्थी को अध्यनन करते समय शारीरिक थकान का सामना करना पड़ता है। लेकिन विद्यार्थियों को शरीर सेवा से अधिक महत्व अपनी पढ़ाई को देना चाहिए। 

 

* कहा जाता है कि स्वस्थ व्यक्ति के लिए 6-7 घंटे सोना आवश्यक होता है। जो विद्यार्थी हर समय सोते रहते हैं, वे कोई भी कार्य ठीक तरह से नहीं कर पाते। अधिक नींद लेने वाले विद्यार्थियों को समय अभाव और आलस्य जैसी कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे विद्यार्थी जरुरत के अनुसार ही ज्ञान प्राप्त करते हैं। पूर्ण शिक्षा की प्राप्ति के लिए विद्यार्थी को अधिक सोने से बचना चाहिए।

 

* विद्यार्थी जीवन का सबसे महत्वपूर्ण गुण गंभीरता होता है। विद्यार्थी में सफलता अौर शिक्षा पाने के लिए इस गुण का होना आवश्यक है। जो विद्यार्थी हर समय हंसी-मजाक  में सारा समय व्यर्थ करता है, वह कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता है। 

 

* जिस विद्यार्थी का ध्यान काम भावनाअों में रहता है, वह पढ़ाई छोड़कर दूसरे कामों की अौर आकर्षित होने लगता है। इस प्रकार की भावनाअों की अोर ध्यान केंद्रित करने वाला विद्यार्थी पढ़ाई में अपना ध्यान नहीं लगा पाता। 

 

* क्रोधित व्यक्ति का मन कभी शांत नहीं रहता है। जबकि विद्या प्राप्ति के लिए मन का शांत अौर एकचित होना बहुत आवश्यक है। जिस विद्यार्थी का मन अशांत रहता है वह केवल ज्ञान को सुनता है, उसे समझ कर उसका पालन कभी नहीं कर सकता है। 

 

* लालच बुरी बला है। लालची व्यक्ति हर समय दूसरों की वस्तु पाने की योजना बनाता रहता है। ऐसे विद्यार्थी अपनी पढ़ाई की अौर कभी भी सतर्क नहीं रहते अौर अपना सारा समय लालच पूरा करने में ही व्यर्थ कर देते हैं।
 


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