Chanakya Niti: चाणक्य नीति के अनुसार, जवानी की ये आदतें रोकती हैं सफलता का मार्ग
punjabkesari.in Monday, Oct 06, 2025 - 06:00 AM (IST)

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Chanakya Niti: चाणक्य जिन्हें कौटिल्य या विष्णुगुप्त के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय राजनीति और जीवन के रणनीतिक गुरु थे। उनकी नीतियां आज भी युवाओं के लिए मार्गदर्शक का काम करती हैं। चाणक्य का मानना था कि सफलता केवल कड़ी मेहनत से नहीं आती, बल्कि सही आदतों और सोच से भी निर्धारित होती है। जवानी जीवन उत्साह और ऊर्जा से भरा होता है, लेकिन यह समय गलत आदतों और आलस्य का शिकार भी बन सकता है। चाणक्य नीति के अनुसार, कुछ आदतें ऐसी हैं जो युवाओं की प्रगति और सफलता की राह में बाधा बन जाती हैं। ये आदतें न केवल लक्ष्य पाने की क्षमता को कम करती हैं, बल्कि मानसिक और सामाजिक विकास पर भी असर डालती हैं। तो आइए जानते हैं चाणक्य अनुसार, जवानी की कौन सी आदतें रोकती हैं सफलता का मार्ग।
आलस्य और समय की बर्बादी
चाणक्य के अनुसार, समय सबसे मूल्यवान संसाधन है। जो युवा समय की कीमत नहीं समझते और उसे व्यर्थ गतिविधियों में गंवाते हैं, वे सफलता से दूर रहते हैं।
स्वभाव में आक्रोश और क्रोध
चाणक्य की नीति के अनुसार, क्रोध और जल्दबाजी जीवन में स्थिरता नहीं आने देती। चाणक्य ने स्पष्ट किया कि गुस्सैल स्वभाव व्यक्ति की बुद्धिमत्ता और निर्णय क्षमता को कमजोर करता है।
ज्ञान की अनदेखी
जवानी में पढ़ाई और सीखने की आदत छोड़ देना गंभीर गलती है। चाणक्य के अनुसार, ज्ञान ही व्यक्ति को सही दिशा देता है। जो युवा अपने ज्ञान और कौशल में निवेश नहीं करते, वे आगे बढ़ने में पिछड़ जाते हैं।
गलत संगति
चाणक्य के अनुसार, साथी और दोस्त जीवन की दिशा को प्रभावित करते हैं। चाणक्य ने चेतावनी दी है कि गलत संगति में समय बिताने वाले युवा अक्सर बुरी आदतों और गलत रास्तों की ओर बढ़ते हैं।
आत्म-अनुशासन की कमी
चाणक्य के अनुसार, सफलता पाने के लिए अनुशासन जरूरी है। बिना लक्ष्य निर्धारण और खुद को नियंत्रित किए, कोई भी युवा स्थायी सफलता प्राप्त नहीं कर सकता।