चाणक्य से जानें सरकारी नौकरी पाने के Best तरीके
punjabkesari.in Friday, Mar 13, 2020 - 05:38 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सरकारी नौकरी का नाम सुनते ही मानो सबके मुंह से लार टपकने लगती है। लगभग लोगों की अपने जीवन में एक ही इच्छा होती है उनको सरकारी नौकरी मिल जाए। अब साधारण सी बात है इसका कारण सब जानते हैं। इसका कारण बताने की शायद ज़रूरत नहीं होगी। इसी के चलते बहुत से लोग तमाम तरह की परीक्षाएं देते हैं, ताकि उन्हें सरकारी नौकरी मिल सके। इसके लिए लोग जी जान से तैयारी भी करते हैं। मगर बहुत से ऐसे लोग पाए जाते हैं जो हद से ज्यादा तैयारी करते हैं मगर फिर असफल हो जाते हैं। इसका दोष वो अपने भाग्य को देने लगते हैं। पंरतु असल में इसका कारण कई बार हमारी द्वारा तैयार की गई रणनीति होती है। आचार्य चाणक्य के अनुसार हर व्यक्ति को सफलता पाने के लिए सबसे पहले रणनीति तैयार लेनी चाहिए। इनका कहना है इससे सफलता मिलने के आसार बढ़ने लगते हैं। मगर वो रणनीतिय किन बातों से बनती है? यकीनने आपके दिमाग में ये प्रश्न आया होगा। तो आपको बता दें हम आपके इस प्रश्नन का उत्तर लेकर आएं हैं, जो चाणक्य नीति सूत्र में वर्णित है।
सरकारी नौकरी की परीक्षा की तैयारी कर रहे जातकों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उन्हें दूसरों की गलती से सीख मिलें। न की खुद पर प्रयोग करके सीखना चाहिए। क्योंकि इसके लिए आपकी पूरी उम्र भी कम पड़ेगी।
भविष्य में क्या होगा ये सोचकर कभी घबराएं नहीं न ही अपने बीते हुए कल को लेकर पछताएं। चाणक्य के अनुसार विवेकमान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं, भूतकाल या भविष्काल में।
जब कोई नया काम शुरू करें अपने आप से ये सवाल ज़रूर पूछें कि
-मैं ये काम क्यों कर रहा हूं या कर रही हूं
-अगर मैं ये काम करूंगा तो इसके परिणाम क्या होंगे
-क्या मुझे सफलता मिल पाएगी?
जब आपको अपनवे इन तीनों सवालों का जवाब मिल जाए तब ही उस काम की तरफ़ आगे कदम बढ़ाएं।
चाणक्य के अनुसार कभी किसी प्रकार का भय अपने नज़दीक न आने दो। अगर यह नज़दीक आए तो इस पर हमला कर दो यानि भय से भागो मत बल्कि इसका सामना करो। तो अगर आप किसी भी तरह की सरकारीनौकरी की परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं उन्हें मुश्किल से मुश्किल सवालों से घबराना नहीं चाहिए।
अपने हालात बदलने का प्रयास करते रहें, यही आदत व्यक्ति आपको औरों से अलग बनाती है। इसी तरह अगर एक बार सफलता न भी मिल पाए तब भी हार न मानें और भरपूर कोशिश के साथ फिर से एग्जाम की तैयारी करें।
आचार्य चाणक्य कहते हैं छात्रों को हमेशा काम वासना से दूर रहना चाहिए। अगर वे अनैतिक चीजों के बारे में सोचते रहेंगे तो विद्या ठीक से प्राप्त नहीं कर सकेंगे।