Chanakya Neeti: कभी दुख के समय मुंह से न निकालें ये बातें

punjabkesari.in Thursday, Dec 08, 2022 - 01:21 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
आपने कई लोगों को कहते सुना होगा कि ज्यादा खुशी में, ज्यादा दुख में फैसले और वादे नहीं करने चाहिए क्योंकि भावनाओं में बहकर कभी-कभी गलत फैसले हो जाते हैं। इसी तरह कुछ बातें ऐसी हैं जिन्हें दुख के समय कभी किसी को नहीं बताना चाहिए। आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन से जुड़े कई पहलुओं के बारे में बताया है। चाणक्य ने धन, स्वास्थ्य, तरक्की, बिजनेस और मित्रता संबंधी कई चीजों से जुड़ी समस्याओं का हल बताया है। चाणक्य कहते हैं कि बुद्धिमान व्यक्ति को धन का नाश होने पर, मन के दुखी होने पर, घर के दोष के बारे में, किसी के द्वारा ठगे जाने पर और अपमानित होने की बात को किसी से नहीं कहना चाहिए। यानी ऐसी परिस्थितियों के मन की बात को मन में ही रखना चाहिए।  इसके अलावा उनका कहना है कि धन का नुकसान होने पर, पत्नी के गलत व्यवहार पर, मन में किसी बात के लिए दुखी होने पर, किसी नीच व्यक्ति के कुछ गलत या घटिया बातें सुन लेने पर।  चाणक्य कहते हैं कि ये कुछ ऐसी बातें हैं जिन्हें दूसरों को नहीं बताना चाहिए।

आचार्य चाणक्य का मानना है कि ये बातें आप लोगों के सामने जितना कहेंगे, वे आपका उतना ही मज़ाक उड़ाएंगे। कोई सहानुभूति आपके लिए नहीं दिखाएगा। ये सब बातें आपकी निजी हैं, इसलिए इन्हें गुप्त ही रखना चाहिए और किसी से शेयर नहीं करना चाहिए।

अब आपको बताते हैं कि कौन सी ऐसी चीज़ें हैं जो आपके आख़िरी समय तक भी आपका साथ नहीं छोड़तीं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति अपने घर से बाहर रहता है, उसके लिए ज्ञान से बड़ा कोई मित्र नहीं है। जो शख्स अपनों से दूर रहता है उसके लिए ज्ञान ही अंतिम समय तक मदद करता है। 

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इसके अलावा उनका कहना है कि जिस व्यक्ति की पत्नी उसकी अच्छी मित्र हो और उसका व्यवहार कुशल हो, ऐसे व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान मिलता है। इसके विपरीत अगर पत्नी में अवगुण होते हैं तो व्यक्ति को कई बार समाज में अपमान का सामना करना पड़ता है। नीति शास्त्र में चाणक्य कहते हैं कि पत्नी का साथ व्यक्ति को विपरीत परिस्थितियों से लड़ने के लिए धैर्य और साहस देता है।

चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति की सेहत खराब हो उसके लिए दवा ही सच्ची मित्र होती है क्योंकि दवा ही बीमार व्यक्ति को ठीक कर सकती है। चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति के सबसे मित्र की लिस्ट में धर्म भी शामिल है। चाणक्य का मानना है कि किसी भी व्यक्ति के धर्म के रास्ते में चलकर किए गए काम याद किए जाते हैं। चाणक्य कहते हैं कि इस दौरान जो व्यक्ति जैसा पुण्य कमाता है, मरने के बाद उसे वैसा ही याद किया जाता है।


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Content Writer

Jyoti

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