Chamundeshwari Devi Shakti Peeth: शक्ति, संस्कृति और विरासत सबका संगम है मां चामुंडेश्वरी का यह मंदिर

punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 08:50 AM (IST)

Chamundeshwari Devi Shakti Peeth: भारत की आध्यात्मिक भूमि पर कई ऐसे स्थल हैं जो पौराणिक कथाओं और गहन आस्था का केंद्र रहे हैं। दक्षिण भारत में कर्नाटक राज्य के मैसूर के पास स्थित चामुंडी पहाड़ियां भी उन्हीं दिव्य स्थानों में से एक हैं, जहां मां आदिशक्ति की साक्षात उपस्थिति महसूस की जाती है। इन पहाड़ियों का नामकरण स्वयं देवी के एक प्रचंड रूप, मां चामुंडेश्वरी के नाम पर हुआ है। पुराणों के अनुसार, यह वही पवित्र भूमि है जहां देवी ने क्रूर राक्षस महिषासुर का वध कर सृष्टि को उसके आतंक से मुक्त कराया था। इतना ही नहीं, यह स्थान 51 शक्तिपीठों में भी शामिल है, जहां देवी सती का एक महत्वपूर्ण अंग गिरा था।

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यहां गिरे थे माता सती के केश
जब देवी सती ने अपने पिता प्रजापति दक्ष के यज्ञ कुंड में आत्मदाह कर लिया था, तब भगवान शिव उनके पार्थिव शरीर को लेकर तांडव करने लगे थे। सृष्टि को बचाने के लिए, भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से सती के शरीर को 51 भागों में विभाजित कर दिया था। मान्यताओं के अनुसार, देवी सती का केश चामुंडी पहाड़ी की चोटी पर गिरा था। इस कारण यह स्थल 51 शक्तिपीठों में से एक बन गया, जहां आज भी दूर-दूर से श्रद्धालु देवी की शक्ति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते हैं।

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मंदिर की वास्तुकला और महिमा
यह मंदिर द्रविड़ शैली की वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में हुआ था, लेकिन इसे भव्यता मैसूर के वडियार राजवंश के संरक्षण में मिली। उन्होंने इसे कई बार पुनर्निर्मित और विस्तारित किया। मंदिर का मुख्य आकर्षण इसका 7 मंजिला गोपुरम है, जो कलाकारी और भव्यता का शानदार नमूना है।चामुंडी पहाड़ियों की यात्रा न केवल एक धार्मिक अनुभव है, बल्कि यह दक्षिण भारत के इतिहास, कला और गहरे विश्वास को समझने का एक सुंदर अवसर भी प्रदान करती है।

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Content Editor

Sarita Thapa

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