Chaitra Navratri 2022: हिमाचल में 2 साल बाद हटी सभी बंदिशें, अब जी भर के दर्शन कर पाएंगे श्रद्धालु
punjabkesari.in Saturday, Apr 02, 2022 - 02:51 PM (IST)

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आज यानि 02 अप्रैल, दिन शनिवार नवरात्रि के पहले दिन से मां के भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। जी हां, खबरों के अनुसार चैत्र नवारात्रि के प्रथम दिन हिमाचल प्रदेश में कोविड को लेकर जारी की गई गाईडलाइन्स बंद कर दी गई है। दो साल बाद बिना बंदिशों के दर्शन, क्यूआर कोड से अब चैत्र नवरात्र में इस बार हिमाचल के शक्तिपीठों में रौनक रहेगी। दो साल बाद मंदिरों में घंटियों की मधुर ध्वनि सुनाई देगी। लंगर भी लगाए जाएंगे। कांगड़ा के शक्तिपीठों में क्यूआर कोड स्कैन कर श्रद्धालु दान दे सकेंगे। सुरक्षा कर्मी तैनात कर दिए गए हैं।
जी हां दोस्तों, प्रदेश में कोरोना के मामलों में लगातार हो रही गिरावट को देखते हुए सरकार ने दो सालों के बाद कोरोना को लगभग सभी बंदिशों को हटा दिया है... लेकिन राज्य में मास्क का पहनना अनिवार्य रहेगा साथ ही हाथों के हाईजीन का भी ध्यान देना होगा। इससे संबंधित आदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा ने जारी किए हैं। राज्य में तेज गति से कोरोना के मामलों में गिरावट आ रही है। प्रदेश के कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या 102 रह गई है। इसे देखते हुए सरकार ने राज्य में कोरोना बंदिशों को हटाने का फैसला लिया है। इसके तहत राज्य आपदा प्राधिकरण की ओर से कोविड- 19 रोकथाम उपायों और कोरोना कंटेनमेंट को लेकर जारी अन्य सभी बंदिशों को हटा दिया है। लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों के तहत मास्क और हाथ की स्वच्छता के आदेश जारी रहेंगे। यानी मास्क नहीं लगाने पर चालान भी काटा जा सकता है। सभी सरकारी विभागों, संस्थाओं, जिला मजिस्ट्रेट पुलिस अधिकारियों व स्थानीय प्रशासन को नए आदेशों की अनुपालना करने के निर्देश दिए हैं। राज्य आपदा प्राधिकरण आदेशों में साफ तौर से कहा है अभी तक कोरोना संक्रमण के अनुभव को देखते सभी डीसी को कोविड पर निगरानी रखने के लिए कहा गया है।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तीन स्थानों पर मेडिकल कैंप लगाए जाएंगे। मेला क्षेत्र में करीब 450 पुलिस और गृह रक्षक के जवान तैनात किए जाएंगे। इसके साथ ही मेला क्षेत्र में धारा 144 लागू रहेगी। मंदिर प्रशासन द्वारा मेले के दौरान सड़क पर सरेआम लंगर लगाने पर प्रतिबंध लगाया गया है, सराय और होटलों के अंदर श्रद्धालुओं को बिठाकर लंगर लगाने की अनुमति दी जाएगी। मेले के दौरान मंदिर में नारियल चढ़ाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। तीन स्थानों पर दर्शन पर्ची काउंटर खोले गए हैं। पूरा मेला क्षेत्र 4 सेक्टरों में बांटा गया है और सभी मेला सेक्टरों पर मैजिस्ट्रेट सेक्टर इंचार्ज तैनात किए गए हैं।
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टोबा से नयनादेवी तक केवल बसों और छोटे वाहनों को ही आवाजाही की अनुमति नयनादेवी भीड़ उमड़ने की संभावना के चलते टोबा से नयनादेवी सड़क पर केवल बसों और छोटे वाहनों को आवाजाही की अनुमति होगी। एसडीएम एवं मंदिर न्यास अध्यक्ष राजकुमार ठाकुर ने व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ ही जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए। धार्मिक नगरी को 9 सेक्टरों में बांटा गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ ही कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस व होमगार्ड के लगभग 400 जवान तैनात किए जाएंगे। नयनादेवी से टोबा तक लगभग 110 सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाएगी। इसके अलावा ड्रोन की मदद भी ली जाएगी।