Chaitra Mass 2021: 1 क्लिक में जानिए इस मास में क्या करें, क्या नहीं
punjabkesari.in Friday, Apr 02, 2021 - 03:54 PM (IST)
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सनातन धर्म के अनुसार वर्ष में पढ़ने वाल तमाम 12 माह का अपना अलग-अलग महत्व है। इसके साथ प्रत्येक मास हिंदू धर्म के किसी न किसी देवता को समर्पित हैं। इन्हीं में से एक है चैत्र मास। जिसकी शुरुआत 29 मार्च को हो गई है, जो 27 अप्रैल को समाप्त होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र महीने से ही नव वर्ष की प्रारंभ माना जाता है, यानि इसे साल का पहला महीना माना जाता है। ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं कि चूंकि चैत्र महीने के आखिरी दिन यानि पूर्णिमा को चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में होता, यही कारण हैै कि इस मास को चैत्र कहा जाता है। क्योंकि इस मास में हिंदू धर्म के कई व्रत और त्यौहार पड़ते हैं, इसलिए इस माह को भक्ति और संयम का मास भी माना जाता हैै। सनातन धर्म के ग्रंथ महाभारत के अनुशासन पर्व में भी कहा गया है कि चैत्र मास में व्यक्ति को केवल एक समय ही खाना ग्रहण करना चाहिए। इसके अलावा इस मास में क्या करना चाहिए क्या नहीं, तथा इस मास का क्या महत्व है, आइए जानते हैं-
कहा जाता है आयुर्वेद और अध्यात्म के अनुसार चैत्र माह में प्रत्येक व्यक्ति को ठंडे पानी से स्नान करना चाहिए। माना जाता है कि इस माह में गर्म पानी से स्नान करने पर शरीर में कमजोरी और समाज में फैले संक्रमण होने की अधिक संभावना बनती है।
इस मास में मुख्य रूप से भगवान विष्णु तथा सूर्य देव की नियमित रूप से पूजा व व्रत आदि करना चाहिए।
जो कोई व्यक्ति को किसी तरह के तनाव से ग्रस्ति हो उसे चैत्र मास में सूर्योदय से पहले उठकर ध्यान और योग करना चाहिए।
तो वहीं कहा जाता है इस मास में सूर्य और देवी की आराधना करने से जातक को उच्च पद और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। इसके अतिरिक्त इस महीने में नियमित रूप से पेड़ों में जल अर्पित करना चाहिए।
न करें ये कार्य-
कोशिश करनी चाहिए कि भोजन में अनाज का कम से कम और फलों का अधिक उपयोग हो।
इस मास में जातक को बासी भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
रात्रि में सोने से पहले हाथ-मुंह धोकर पतले कपड़े पहनना चाहिए तथा इस दौरान महिलाओं को श्रृंगार संतुलित रखना चाहिए।