Career Guidance: जानें, कौन सा करियर आपको बनाएगा मुकद्दर का सिकंदर

punjabkesari.in Sunday, Feb 21, 2021 - 08:41 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

How do you choose a career path : आपने अपने आस-पास ऐसे पढ़े-लिखे नौजवानों को भी देखा होगा जिन्होंने आज के युग के हिसाब से अच्छी खासी डिग्रियां प्राप्त कर ली हैं फिर भी उन्हें उसके अनुरूप सफलता प्राप्त नहीं हो पाई है। ऐसा क्यों, वहीं दूसरी ओर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्होंने कम शिक्षा प्राप्त करके भी अच्छा स्तर प्राप्त कर रखा है।

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Career Astrology: आखिर ऐसा क्यों... ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें उनकी रुचि थी, उन्होंने वही शिक्षा प्राप्त की जो उनकी प्रकृत्ति के अनुरूप थी, ऐसे में ग्रह-नक्षत्रों का भी पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ और वे निरंतर सफल होते चले गए और आज अच्छा स्तर प्राप्त कर लिया।

What is the best way to develop a career : इसीलिए ज्योतिष शास्त्र में इस बात पर जोर दिया जाता है कि बच्चों को उनकी राशि और कुंडली में स्थित ग्रहों के अनुरूप ही शिक्षा दी जानी चाहिए जिससे वे आगे जाकर पूर्ण रूप से सफलता प्राप्त कर सकें।

Astrology As A Career: यदि आप भी चाहते हैं कि आपका बच्चा अच्छी शिक्षा प्राप्त करे और आगे भविष्य में उसका करियर उज्ज्वल हो, तो आपको बच्चे की कुंडली किसी अच्छे ज्योतिषी को दिखाकर इस बात का अनुमान लगाना चाहिए कि उसके लिए कौन सी शिक्षा उचित है।

How to choose career astrology: मानव के सोलह संस्कारों में शिक्षा संस्कार का अपना अलग ही महत्व है। ज्योतिष के अनुसार शिक्षा में चार बातों का समावेश है विवेक शक्ति, बुद्धि, प्रतिभा एवं स्मरण शक्ति। महर्षि पाराशर, वराहमिहिर आदि के अनुसार शिक्षा का विचार पंचम भाव से करना चाहिए जबकि जातक पारिजात के अनुसार शिक्षा का चतुर्थ एवं पंचम भाव से करना चाहिए। बृहस्पति पंचम भाव का कारक है एवं यही ज्ञान का भी कारक है। बुध विवेक शक्ति, स्मरण एवं बुद्धि का कारक है। इन दोनों बातों के अतिरिक्त मन की भी अहम भूमिका है जिसका कारण चंद्रमा है। अत: शिक्षा में बृहस्पति, बुध एवं चंद्रमा तीनों ग्रहों का अपना-अपना महत्व है।

How to get your job astrology: उपर्युक्त भावों में शुभ ग्रहों की युति, प्रतियुति, दृष्टि अथवा परिवर्तन द्वारा संबंध स्थापित हो तो जातक शैक्षणिक सफलता एवं शिक्षा के अनुकूल व्यवसाय तथा भाग्य की वृद्धि प्राप्त करता है।  उच्च, मूल, त्रिकोण, स्वराशि अथवा वर्गोत्तम नवांश में स्थित ग्रह जन्म कुंडली में बलवान माना जाता है और शुभ स्थिति में होने पर अच्छा फल देता है। केंद्र अथवा त्रिकोण के स्वामी केन्द्र अथवा त्रिकोण में स्थित हों, तो प्रबल योगकारक होते हैं।

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What is the zodiac sign for astrology: इसके विपरीत पाप ग्रहों की राशियां और पाप ग्रहों की भाव में स्थिति अशुभ होती है। भावेश की 6,8,12वें भाव में स्थिति या इन भावों के स्वामियों की अन्य भावों में स्थिति हानिकारक है। 9,4,5 भावों के स्वामियों की दशा, अंतर्दशा, अंतर्दशा में जातक सफलतापूर्व विद्याध्ययन करता है।

What is a career horoscope: विद्याध्ययन के मध्य शनि की साढ़ेसाती का आना या 9,4,5 भावों के स्वामियों का राहू-केतु शनि से युक्त या दृष्ट होना विद्याध्ययन में अड़चनें पैदा करता है। विद्याध्ययन काल में बुध, गुरु, शुक्र की दशा ठीक रहती है, जबकि राहू, केतु, मंगल, और शनि की दशा में कुछ न कुछ व्यवधान अवश्य होता है।

Daily Career Horoscopes: ज्ञान का कोई भावों से सम्बन्ध है। वह ज्ञान जो हमें अपने मस्तिष्क के बल पर प्राप्त होता है और जिसको हम बुद्धि मानते हैं उसका सम्बन्ध पांचवें भाव से है। वह ज्ञान जिसका सम्बन्ध हमारी भावनाओं से है वह चतुर्थ भाव के द्वारा संचालित होता है। वह ज्ञान जो हमें छोटी आयु में स्कूल के द्वारा प्राप्त होता है उसका सम्बन्ध द्वितीय भाव से है। सूर्य और बुध का सम्बन्ध गणित, इंजीनियरिंग, तर्कशास्त्र एवं ज्योतिष से है। शनि का सम्बन्ध मैकेनिकल, इंजीनियरिंग, भूगर्भ विज्ञान एवं गणित से है। मंगल का सम्बन्ध डाक्टर, आम जीवन के कामों, सिविल इंजीनियरिंग आदि से है। शुक्र का सम्बन्ध कला, फिल्म लाइन, गायन, कम्प्यूटर एवं इलैक्ट्रॉनिक्स से है। चंद्रमा का सम्बन्ध प्रचार-प्रसार, प्रकाशन, दूध एवं द्रव्य के कामों से है। बृहस्पति का सम्बन्ध धर्म, शास्त्र, अध्यापक या प्रोफैसर, नीति शास्त्र एवं कानून शास्त्र आदि से है। राहू का सम्बन्ध गुप्त विद्या, जहर, पैस्टीसाइटड, दूसरों के भेद जानने की क्षमता आदि से है। सूर्य का सम्बन्ध कैमिकल, दवा बनाने के कामों से, डाक्टरी कपड़े बनाने के कामों से है।

How do you decide if a career is right for You: जैसा कि महर्षि पाराशर का सिद्धांत है शिक्षा एवं बुद्धि, विवेक का आदि विचार पंचम भाव से करना चाहिए। किसी विषय को शीघ्र ग्रहण करने की क्षमता ही बुद्धि है। पंचम भाव का स्वामी एवं पंचम भाव का कारक बृहस्पति की प्रबल स्थिति हो तो शिक्षा श्रेष्ठ रहेगी।

How to Make a Career Choice When You Are Undecided: जैसे-अकाऊंटैंट, कैमिस्ट, डाक्टर, वकील, इंजीनियर, अध्यापक, ज्योतिषी, लेखक, साहित्यकार आदि-आदि। यदि पंचमेश 1,4,5,7,9,10 स्थानों में हो और बृहस्पति उच्च या स्वराशि का हो तो जातक शिक्षा के क्षेत्र में काफी उन्नति करेगा।  यदि पंचमेश, बुध और बृहस्पति से युक्त होकर 1,4,5,7,9,10 भाव में हो तो जातक कुशाग्र बुद्धि के साथ उच्च शिक्षा अवश्य ही प्राप्त करेगा।

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How to Make a Career Choice: विभिन्न ग्रहों के शिक्षा सम्बन्धी कारकत्व का विवरण नीचे अंकित किया जा रहा है, जिसके आधार पर ग्रहों के उपर्युक्त भावों में स्थिति को देखकर पता लगाया जा सकता है कि जातक के लिए कौन-सा विषय अधिक उपयुक्त रहेगा-

सूर्य : सूर्य की अच्छी स्थिति हो तो चिकित्सा, शरीर विज्ञान, प्राणीशास्त्र, नेत्र चिकित्सा, राजभाषा, प्रशासन राजनीति, जीव विज्ञान आदि में शिक्षा होती है।

चंद्रमा : कुंडली में चंद्रमा शुभ ग्रहों में हो तथा अच्छी स्थिति में हो तो जातक नर्सिंग, नाविक, शिक्षा, वनस्पति विज्ञान, जंतु विज्ञान (जूलोजी), होटल प्रबंधन, काव्य, पत्रकारिता, पर्यटन, डेयरी विज्ञान, जलप्रदाय आदि क्षेत्रों में विचार कर सकता है।

मंगल : मंगल की अच्छी स्थिति हो तो भूमि, फौजदारी, कानून, इतिहास, पुलिस, प्रशिक्षण, सर्वे, अभियांत्रिकी, वायुयान शिक्षा, शल्य चिकित्सा विज्ञान, ड्राइविंग, टेलरिंग या अन्य तकनीकी शिक्षा, खेलकूद, सैनिक शिक्षा, दंत चिकित्सा।

बुध : कुंडली में बुध की स्थिति शिक्षा के अनुरूप अच्छी हो तो गणित, ज्योतिष व्याकरण, शासन की विभागीय परीक्षाएं, पदार्थ विज्ञान, मानस शास्त्र, शब्द शास्त्र (भाषा विज्ञान), हस्तरेखा विज्ञान, टाइपिंग, तत्व ज्ञान, पुस्तकालय विज्ञान, लेखाशास्त्र, वाणिज्य, शिक्षण प्रशिक्षण।

गुरु : बीज गणित, द्वितीय भाषा, आरोग्य शास्त्र, विधि, अर्थशास्त्र, दर्शन, मनोविज्ञान, साहित्य, अध्यात्म, उच्च शिक्षा (पी.एच.डी., डी.लिट् आदि)।

शुक्र : कुंडली में शिक्षा की दृष्टि से यदि शुक्र की स्थिति शुभ हो तो ललित कला (संगीत, नृत्य, अभिनय, चित्रकला आदि), फिल्म, टी.वी., वेश-भूषा, फैशन डिजाइनिंग, काव्य , साहित्य एवं अन्य विविध कलाओं आदि में शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं।

शनि : कुंडली में शिक्षा की दृष्टि से यानि पंचम भाव में यदि शनि शुभ प्रभाव दे रहा हो तो भूगर्भ शास्त्र, सर्वेक्षण, अभियांत्रिकी, औद्योगिकी, यांत्रिकी, भवन निर्माण, मुद्रण कला (प्रिंटिंग तकनीकी) आदि विषयों में शिक्षा प्राप्त की जा सकती है।

राहू : तर्कशास्त्र, हिप्रोटिज्म, मैस्मेरिज्म, करतब के खेल (जादू, सर्कस आदि), भूत-प्रेत सम्बन्धी ज्ञान, विष चिकित्सा, एंटीबायोटिक्स, इलैक्ट्रॉनिक्स।

केतु : कुंडली में केतु की पंचम भाव में स्थिति को देखते हुए गुप्त विद्याएं, मंत्र-तंत्र संबंधी ज्ञान आदि विषयों में शिक्षा प्राप्त की जा सकती है।

इसी प्रकार आप भी कुंडली के अनुरूप अपने बच्चों को उचित शिक्षा देकर उनका करियर निर्माण कर सकते हैं।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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