2020 तक देश को करना होगा भयंकर उतार-चढ़ाव का सामना

punjabkesari.in Monday, Jun 26, 2017 - 09:45 AM (IST)

भारत 2017 के अंत तक आंतरिक एवं बाहरी कारणों से परेशान रहेगा एवं पड़ोसी राष्ट्र के कारण सरकार बड़ी परेशान रहेगी। तत्पश्चात 10 से 22 जुलाई, 5 से 20 अगस्त, 10 सितंबर से 25 अक्तूबर 2017 के मध्य भारत कोई बड़ी सैनिक कार्रवाई या ऐसा कोई सख्त कदम पाकिस्तान के विरुद्ध उठा सकता है जिस कारण युद्ध जैसे माहौल के हालात बन सकते हैं। ऐसा माहौल 2022 तक दिन-ब-दिन बढ़ता रहेगा। केन्द्र सरकार को कांटों की राह पर चलना व सोने के बराबर होगा। बहुत संभव है कि उपरोक्त तारीखों में भारत सरकार कश्मीर को सेना के हवाले कर दे जिस कारण भारत का राजकीय माहौल गर्मा जाए, अत: अंत तक सरकार का रवैया एवं उठाए गए कदम अपरिपक्वतापूर्ण भी हो सकते हैं।


इसके कारण काफी निंदा का सामना करना पड़ेगा। एक नए नेता का पदार्पण, जनवरी, 2018 में आतंकवादी घटनाओं के कारण देश में एक अजीब माहौल, गुस्सा उत्पन्न होगा। सरकार सख्त कार्रवाई के बावजूद आंतरिक व बाह्य आलोचना का शिकार होगी। फरवरी-मार्च तक आर्थिक हालत सुधारने के प्रयास का उचित प्रभाव नहीं मिलेगा एवं आर्थिक क्षेत्र क्षीण रहेगा। अप्रैल से जून के मध्य देश के अंदर वाहन दुर्घटना, हिंसा आदि से जनता व सरकार त्रस्त रहेगी। वहीं 2018 मई-जून में भारत व वैज्ञानिक पुन: कोई ऐसा शोध करेंगे जिससे विश्व चकित रह जाएगा। अग्निकांड, विमान दुर्घटना, विस्फोट आदि की घटनाओं से देश को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। कोई बड़ा भूकंप भी आ सकता है। 7 अप्रैल से 28 मई के मध्य देश के कई हिस्सों में हिंसा या अन्य कारणों से प्रदेश सरकारें भंग की जा सकती हैं। 


कई अधिकारी व नेताओं को बंदी बनाकर जेलों में भेजा जा सकता है। अफरा-तफरी व एमरजैंसी जैसे हालात, सांप्रदायिक दंगे या आतंकवादी घटनाओं के कारण असमंजस की स्थिति का निर्माण हो सकता है। 12 मई, 2018 से 20 जून, 2018 के मध्य हिंसा व अग्रिकांड व प्रतिकूल मौसम से भारी हानि की संभावना लग रही है। धीरे-धीरे देश के हालात ऐसी होंगे कि सरकार विचलित होती रहेगी, उसकी विफलता हर कदम पर उसको परेशान करेगी। सलाहकार सही निर्णय नहीं कर पाएंगे, न ही सही कदम उठा पाएंगे। यह काम 16 महीने तक चलता रहेगा। 


वहीं आर्थिक क्षेत्र किसी और क्षेत्र जैसे खनिज, तेल, बहुमूल्य धातु की प्राप्ति एवं विदेशों से ऋण आदि से राहत देगा। 1 अप्रैल, 2018 से भारत में एक दबंग नेता के पदार्पण के कारण धीरे-धीरे उसका वर्चस्व बढ़ता जाएगा जिस कारण अंतर्कलह के आसार भी पैदा होंगे। आने वाले 3 या 4 वर्षों में ऐसे 2 और नेता उसके साथ जुड़ जाएंगे जिसके परिणामस्वरूप देश की राजनीति का नक्शा ही बदल जाए तो आश्चर्य नहीं होगा। आगे जाकर यह नेता अगर तानाशाह जैसा रवैया अपनाकर अपना वर्चस्व स्थापित करता है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। एक भीषण युद्ध 2020 में इसके नेतृत्व में होगा और पाक की शक्ति को यह समाप्त कर दे या ऐसी हालत कर दे जिसकी कल्पना ही नहीं की जा सकती। कठोर अनुशासन व तानाशाही रवैये से व्यक्ति कानून में भारी परिवर्तन करेगा और विश्व मानचित्र पर अपनी एक अलग छवि प्रस्तुत करेगा जिससे विश्व इसका समर्थन भी करेगा।


2020 के भयंकर उतार-चढ़ाव के बाद 2022 में शायद यह इस देश को हिन्दू राष्ट्र घोषित कर दे या ऐसा कोई नियम बना दे जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती है।


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