किसी को चरित्रहीन का TAG देने से पहले जानें ये जरुरी बात

punjabkesari.in Monday, Oct 07, 2019 - 09:25 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
गौतम बुद्ध एक बार एक गांव पहुंचे। वहां एक स्त्री उनके पास आई और उनसे बोली, ''आप तो बिल्कुल किसी राजकुमार की तरह लगते हैं। क्या मैं जान सकती हूं कि इस युवा अवस्था में आपके गेरुआ वस्त्र धारण करने का क्या कारण है? बुद्ध ने उस स्त्री को विनम्रतापूर्वक उत्तर दिया, ''मैंने 3 प्रश्नों का हल ढूंढने के लिए संन्यास लिया है। यह शरीर जो युवा व आकर्षक है जल्दी ही वृद्ध होगा, फिर बीमार होगा और अंत में मृत्यु अवस्था में चला जाएगा। मुझे वृद्धावस्था, बीमारी एवं मृत्यु के कारण का ज्ञान प्राप्त करना है।
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उनकी बातों से प्रभावित होकर उस स्त्री ने उन्हें भोजन के लिए अपने घर आमंत्रित किया मगर उस स्त्री को गांव वाले पसंद नहीं करते थे। शीघ्र ही यह बात पूरे गांव में फैल गई कि महात्मा बुद्ध उस स्त्री के घर भोजन करने जाने वाले हैं। गांव के लोग उनके पास आए और आग्रह किया कि वह उस स्त्री के घर भोजन करने न जाएं। कारण पूछने पर उन्होंने बताया कि वह स्त्री चरित्रहीन है। बुद्ध ने गांव के मुखिया से पूछा, ''क्या आप भी मानते हैं कि वह स्त्री चरित्रहीन है? मुखिया ने कहा, ''मैं शपथपूर्वक कहता हूं कि वह स्त्री बुरे चरित्र वाली है। कृपया आप उसके घर न जाएं।
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बुद्ध ने मुखिया का एक हाथ पकड़ लिया और फिर उसे ताली बजाने को कहा। मुखिया ने कहा, ''मैं एक हाथ से ताली नहीं बजा सकता। मेरा दूसरा हाथ आपने पकड़ रखा है। ऐसे में एक हाथ से ताली कैसे बजाऊं? बुद्ध बोले, ''जैसे एक हाथ से आप ताली नहीं बजा सकते वैसे ही वह स्त्री खुद चरित्रहीन नहीं हो सकती, जब तक इस गांव के पुरुष भी चरित्रहीन न हों। अगर गांव के सभी पुरुष अच्छे होते तो वह स्त्री कदापि ऐसी न होती। उसके ऐसे चरित्र के लिए यहां के पुरुष भी जिम्मेदार हैं। यह सुनकर मुखिया और गांव वाले लज्जित हो गए।  


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