सफल लोग क्यों उठते हैं ब्रह्म मुहूर्त में ? जानिए इसका गूढ़ कारण
punjabkesari.in Wednesday, Nov 12, 2025 - 12:33 PM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Brahma Muhurat: ब्रह्म मुहूर्त को हमारे शास्त्रों और विज्ञान दोनों में ही अत्यंत शुभ और भाग्यशाली माना गया है। यह वह स्वर्णिम समय है जब प्रकृति और हमारा मन एक विशेष तालमेल में होते हैं, जिससे हर मनोकामना पूर्ण होने की राह खुलती है। ब्रह्म मुहूर्त रात्रि का अंतिम प्रहर और सूर्योदय से ठीक पहले का समय होता है। यह आमतौर पर सूर्योदय से लगभग डेढ़ घंटा पहले शुरू होता है। यानी, अगर सूर्योदय सुबह 6 बजे है, तो ब्रह्म मुहूर्त लगभग 4:30 बजे से 6:00 बजे तक रहेगा। ब्रह्म का अर्थ है परमात्मा या ज्ञान और मुहूर्त का अर्थ है समय। इसे परमात्मा का समय या ज्ञान प्राप्त करने का समय कहा जाता है।

आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व
भारतीय धर्म-शास्त्रों में ब्रह्म मुहूर्त को जागने और साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ बताया गया है।
माना जाता है कि इस समय सभी देवी-देवता पृथ्वी पर विचरण करते हैं। इस काल में की गई पूजा, ध्यान और प्रार्थना का फल कई गुना अधिक मिलता है और व्यक्ति पर देवताओं की विशेष कृपा बरसती है।
इस समय वातावरण में तम और रज गुणों की मात्रा बहुत कम होती है और सत्त्व गुण का प्रभाव सबसे अधिक होता है।
शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति ब्रह्म मुहूर्त में जागकर अपने इष्टदेव का ध्यान करता है और सकारात्मक संकल्प लेता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होने की संभावना बढ़ जाती है।
आयुर्वेद में भी इस समय उठने को 'दिनचर्या' का अभिन्न अंग बताया गया है, जो सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति कराता है। ऋग्वेद में कहा गया है कि प्रातः जल्दी उठने वाला व्यक्ति पुष्ट, स्वस्थ, बलवान और दीर्घायु होता है।

Scientific and health benefits वैज्ञानिक और स्वास्थ्य लाभ
इस समय वातावरण सबसे अधिक शांत और शुद्ध होता है। हवा में नवजात ऑक्सीजन की मात्रा सर्वाधिक होती है। यह ऑक्सीजन हमारे हीमोग्लोबिन के साथ मिलकर ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनाती है, जिससे रक्त शुद्ध होता है और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
इस समय मस्तिष्क सबसे अधिक शांत और ग्रहणशील होता है। पढ़ाई करने वाले छात्रों और कामकाजी लोगों के लिए यह समय अमृत समान है। इस समय किया गया अध्ययन या योजना दिमाग में गहराई तक बैठती है, जिससे सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
ब्रह्म मुहूर्त में जागने से शरीर की जैविक घड़ी सही होती है। यह शरीर के अंगों के कार्य, पाचन तंत्र और हार्मोनल स्वास्थ्य को नियंत्रित करता है, जिससे सकारात्मक और खुशी वाल हार्मोन रिलीज होते हैं, जो तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
शांत वातावरण ध्यान और योग के लिए आदर्श होता है। यह मानसिक तनाव को कम करता है, बुरे विचारों को शांत कर सात्विक बनाता है और एकाग्रता को कई गुना बढ़ा देता है।

