Birth place of Lord Buddha: आइए करें, भगवान बुद्ध की नगरी लुम्बिनी का दर्शन

punjabkesari.in Wednesday, Aug 30, 2023 - 08:59 AM (IST)

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Lumbini Birth Place of Gautam Buddha: भगवान बुद्ध का जन्म ईसा पूर्व 623 में लुम्बिनी के प्रसिद्ध बागों में हुआ था, जो जल्द ही तीर्थ स्थान बन गया। तीर्थयात्रियों में से भारतीय सम्राट अशोक थे, जिन्होंने वहां अशोक स्तम्भ स्मारक बनाया था। यह शिलालेख नेपाल में सबसे पुराना है। इतिहास प्रेमियों और बौद्धों के लिए लुम्बिनी एक महत्वपूर्ण जगह है। यहां पर बोधि वृक्ष झंडों से ढंका एक पेड़ है, जो लुम्बिनी तालाब की बगल में स्थित है। लोग प्रार्थना करने के लिए यहां आते हैं, जो प्रति इच्छा पेड़ के चारों ओर एक झंडा बांधते हैं। यह जगह बहुत शांतिपूर्ण है और लोग आमतौर पर यहां ध्यान करते हैं।

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मायादेवी तालाब
मायादेवी तालाब, माया देवी मंदिर परिसर के अंदर स्थित वह जगह है, जहां बुद्ध की मां उन्हें जन्म देने से पहले स्नान करती थीं। यह भी माना जाता है कि सिद्धार्थ गौतम का पहला स्नान भी यहां हुआ था। लुम्बिनी संग्रहालय, मौर्य और कुशाण काल की कलाकृतियों को प्रदर्शित करता है। संग्रहालय में लुम्बिनी को चित्रित करने वाली दुनिया भर से धार्मिक पाण्डुलिपियां, धातु की मूर्तियां और टिकटें हैं। लुम्बिनी इंटरनैशनल रिसर्च इंस्टीच्यूट (एल.आई.आर.आई.), लुम्बिनी संग्रहालय के सामने स्थित है, जो सामान्य रूप से बौद्ध धर्म के अध्ययन के लिए अनुसंधान सुविधाएं प्रदान करता है। लुम्बिनी अब बौद्ध तीर्थ केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है, जहां भगवान बुद्ध के जन्म से जुड़े पुरातात्विक अवशेष इसकी केंद्रीय विशेषता हैं। यहां पर ज्यादातर आपको मठ और प्राचीन इमारतें देखने को मिलेंगी, जिनका निर्माण 2000 साल से भी पहले किया गया था।

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Peace Pagoda पीस पैगोडा
पीस पैगोडा शांति को प्रेरित करने वाला एक स्मारक है जिसे सभी जातियों और पंथ के लोगों को एकजुट करने तथा विश्व शांति की उनकी खोज में मदद के लिए डिजाइन किया गया है। लुंबिनी में इसका निर्माण निप्पोनजन म्योहोजी भिक्षुओं द्वारा किया गया था। यह लुम्बिनी मास्टर प्लान के मध्य में बनाया गया है जिसका दूसरा छोर मायादेवी मंदिर है। मंदिर से इसकी दूरी लगभग 3.2 किलोमीटर है। स्तूप की सीढ़ियां तीन अलग-अलग स्तरों तक ले जाती हैं। स्तूप को सफेद रंग किया गया है और फर्श पर सफेद पत्थर लगाया गया है। इसमें भगवान बुद्ध की चार बड़ी सुनहरी मूर्तियां हैं जो चार दिशाओं की ओर मुख किए हुए हैं।

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Bodhi tree बोधि वृक्ष
लुम्बिनी में घूमने के लिए सबसे मशहूर जगह है बोधि वृक्ष। पवित्र माया देवी मंदिर के परिसर के अंदर स्थित यह वृक्ष दुनिया में बौद्ध धर्म के लोगों के लिए महत्वपूर्ण जगह है। इस पेड़ के नीचे ही भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था। इस पेड़ को बहुत पवित्र माना जाता है क्योंकि गौतम बुद्ध ने इसी वृक्ष के नीचे ध्यान करके क्रोध, भ्रम, भोग और विलासिता से भरे अपने जीवन से मुक्ति प्राप्त की थी। वास्तव में इस पेड़ के करीब जाकर आपको अहसास होगा कि जीवन में भौतिक सुख के अलावा और भी बहुत कुछ है।

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Ashoka Pillar अशोक स्तम्भ
यूं तो दुनिया में कई अशोक स्तम्भ हैं, लेकिन लुम्बिनी में बना अशोक स्तम्भ सबसे प्रसिद्ध है। तीसरी शताब्दी में बनी यह प्राचीन संरचना माया देवी मंदिर परिसर के अंदर स्थित है। कहते हैं कि राजा अशोक ने भगवान बुद्ध को श्रद्धांजलि देने के लिए इस स्तम्भ का निर्माण करवाया था। इसकी ऊंचाई 6 मीटर है, इसलिए आप इसे दूर से ही देख पाएंगे। अगर आप लुम्बिनी गए हैं, तो आपको अशोक स्तम्भ देखने जरूर जाना चाहिए।

Maya Devi Temple माया देवी मंदिर
माया देवी मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है। गौतम बुद्ध की माता माया देवी ने उन्हें 563 ईसा पूर्व में इसी परिसर में जन्म दिया था। इस स्थल की पवित्रता बनाए रखने के लिए, लुम्बिनी में माया देवी मंदिर बनाया गया था। यह मंदिर बहुत खूबसूरत है।

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Lumbini Museum लुम्बिनी म्यूजियम
लुम्बिनी म्यूजियम भी लुम्बिनी में देखने लायक जगह है। 1970 में क्रिस याओ नाम के एक ताइवानी वास्तुकार ने इसे बनाया था। म्यूजियम का बाहरी हिस्सा बहुत सुंदर है। आपको इस संग्रहालय की वास्तुकला में ताइवान का प्रभाव नजर आएगा। यहां लगभग 12000 कलाकृतियां प्रदर्शित की गई हैं। यहां पर ज्यादातर कलाकृतियां कुषाण और मौर्य राजवंशों की हैं। इस स्थल पर जाकर आपको प्राचीन सिक्के, पांडुलिपियां, मोहरें, टेराकोटा मूर्तियां देखने को मिलेंगी। अगर आप इतिहास प्रेमी हैं, तो आपको यह जगह खूब पसंद आएगी।

Cambodia monastery कम्बोडिया मठ
लुम्बिनी में सबसे आकर्षक पर्यटन स्थल कंबोडिया मठ है। इस जगह की वास्तुकला कंबोडिया में अंगकोर वाट के जैसी है। इस संरचना के भीतर आपको कई रंगों में ड्रैगन, सांपों और फूलों की सुंदर नक्काशी देखने को मिलेगी। इस मंदिर के अंदर हरे रंग के सापों की नक्काशी आप देखते ही रह जाएंगे। इन सांपों की लंबाई 50 मीटर से ज्यादा बताई जाती है। वास्तव में इस मठ में जाकर आपको कंबोडियन बौद्ध धर्म की एक झलक देखने को मिलेगी।
 


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Content Writer

Niyati Bhandari

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