Bhai Dooj 2021 Shubh Muhurat: आज शुभ मुहूर्त में लगाएं बहनें अपने भाई को तिलक
punjabkesari.in Saturday, Nov 06, 2021 - 07:45 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Bhai Dooj 2021: आज भाई-बहन के पावन प्रेम का प्रतीक भैया दूज का पर्व 6 नवंबर दिन शनिवार को मनाया जा रहा है। यह पर्व देश भर में कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है। इस दिन बहनें भाई के माथे पर तिलक करके उसकी लंबी आयु और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। भाई दूज को भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया आदि नामों से भी जाना जाता है। उत्तर और मध्य भारत में यह पर्व मातृ द्वितीया भैया दूज के नाम से जाना जाता है, पूर्व में भाई-कोटा, पश्चिम में भाई बीज और भाऊ बीज कहलाता है। रक्षा बंधन की तरह यह त्योहार भी भाई-बहन के प्रति एक-दूसरे के स्नेह को अभिव्यक्त करता है। इस दिन बहनें पूजा करती हैं, कथा कर व्रत रखती हैं और भाई को तिलक करती हैं। देश में कई स्थानों पर बहनें इस पर्व पर गोबर से मांडना बनाती हैं, उसमें चावल और हल्दी से चित्र बनाती हैं तथा सुपारी, फल, पान, रोली, धूप, मिष्ठान आदि रखती हैं, दीप जलाती हैं। इस दिन यम द्वितीया की कथा भी सुनी जाती है।

Bhai Dooj 2021 Shubh Muhurat: भाई दूज के शुभ मुहूर्त के बारे में यह बताना चाहूंगा कि 6 नवंबर, शनिवार को भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 से 3:21 तक है। यानि शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 2 घंटे 11 मिनट तक है।
इस दिन शुभ मुहूर्त में भाई दूज के लिए थाली तैयार करें। उसमें रोली, अक्षत, गोला और मिष्ठान रखें। सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान पूजन करें। अब घर की उत्तर-पूर्व दिशा में चौक बनाएं और फिर लकड़ी की पटरी पर भाई को बिठाकर तिलक करें और गोला देकर मिष्ठान खिलाएं। इसके बाद प्रेम पूर्वक भाई को भोजन करवाना चाहिए।

भाई दूज के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए-
भाई दूज के दिन भाइयों को अपनी बहन के बनाए गए भोजन का निरादर नहीं करना चाहिए।
भाई-बहन को इस दिन आपस में झगड़ा नहीं करना चाहिए।
बहन को भाई के दिए उपहार को प्रेम पूर्वक लेना चाहिए। उपहार का निरादर नहीं करना चाहिए।
यमराज के नाम का चौमुखा दीपक जलाकर घर की दहलीज के बाहर रखें। यह उपाय करने से आपके भाई के जीवन की विघ्न-बाधाएं दूर हो जाएंगी।
बहनें उपाय के रूप में पहले ठाकुर जी को तिलक करें और फिर यदि अपने भाई को तिलक करेंगी तो निश्चित ही उनके भाई के जीवन के संघर्ष कम होंगे।
जहां रक्षा बंधन के त्योहार पर बहनें भाई के घर आती हैं तो वहीं भाई दूज पर बहनों के घर जाने का विधान है क्योंकि इस दिन यम अपनी बहन यमुना के घर गए थे इसलिए जिनकी बहनों की शादी हो चुकी है उन भाइयों को अपनी बहन के घर जाना चाहिए। जिनकी शादी नहीं हुई है वे अपने घर पर ही तिलक कर सकती हैं।
इस दिन यमुना स्नान का भी विशेष महत्व माना गया है। माना जाता है कि यम द्वितीया के दिन जो भाई बहन यमुना में स्नान करते हैं उन्हें अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है।
गुरमीत बेदी
gurmitbedi@gmail.com

