Basant Panchami 2021: देवी सरस्वती के इस मंदिर में निभाई जाती है ये अद्भुत परंपरा

punjabkesari.in Tuesday, Feb 02, 2021 - 03:09 PM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
16 फरवरी, 2021 को इस साल का बसंत पचंमी का पर्व मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये पर्व शिक्षा और संगीत की देवी सरस्वती को समर्पित है। इस दिन देश भर के लगभग हिस्सों में इनकी विधि विधान से पूजा की जाती है। तो वहीं उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में जैसे पंजाब आदि में आसमान में पतंगें उड़ाई जाती है। इसके अलावा देश भर में स्थित देवी सरस्वती के प्रसिद्ध मंदिरों वव धार्मिक स्थलों में भी इस दिन अधिक धूम देखने को मिलती है।
 

चूंकि ये पर्व मां सरस्वती को समर्पित है इसलिए आज हम आपको इनके एक अद्भुत मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां देवी मां सरस्वती निवास करती हैं। इस मंदिर की खास बात ये है कि जहां ये मंदिर स्थापित है वहां गोदावरी और मंगीरा नदियां मिलती है। बता दें ये मंदिर आदिलाबाद के बसर गांव में स्थित है, जिसे देवी सरस्वती के प्रसिद्ध व प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है।

पौराणिक कथाओं के अनुसार इस मंदिर का निर्माण उस स्थान पर जहां प्राचीन समय में कभी ऋषि वेद व्यास ने तपस्या की थी तथा रेत से देवी सरस्वती के साथ-साथ देवी लक्ष्मी और मां काली की प्रतिमाओं का निर्माण किया था। जिस कारण ये मंदिर प्राचीन व अधिक प्रसिद्ध है।

तो मंदिर से जुड़ी अन्य कथाओं के अनुसार मां सरस्वती के मंदिर से थोड़ी दूर स्थित दत्त मंदिर भी है, प्राचीन काल में जहां से होते हुए गोदावरी नदी तक एक सुरंघ जाया करती थी, जिसकी मदद से उस समय के राजा-महाराजा पूजा के लिए जाया करते थे।

कहा ये भी जाता है वाल्मीकि ऋषि ने भी यहां आकर मां सरस्वती से का आशीर्वाद प्राप्त किया था और उसके पश्चात यहीं रामायण के लेखन की शुरुआत की थी।

बाद में इस मंदिर का निर्माण चालुक्य राजाओं ने देवी सरस्वती के सम्मान में करवाया था। यहां की प्रचलित मान्यताओं के अनुसार यहां अक्षर ज्ञान नामक पंरपरा निभाई जाती है। बता दें ये एक हिंदू परंपरा है, जो बच्चे के जीवन में औपचारिक शिक्षा के प्रारंभ को दर्शाता है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Jyoti

Recommended News

Related News