Balarama Jayanti: बलवान बनने की इच्छा रखते हैं तो बलराम जयंती के दिन घर में करें ये छोटा सा काम
punjabkesari.in Wednesday, Aug 13, 2025 - 01:39 PM (IST)

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Balaram Jayanti 2025: बलराम जयंती एक पौराणिक और सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान बलराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व पूरी तरह से भगवान कृष्ण के बड़े भाई और अद्वितीय बल एवं धर्म के प्रतीक बलराम जी को समर्पित है। बलराम जयंती हमें यह सिखाती है कि जीवन में केवल चतुराई या बल नहीं, बल्कि संतुलन, धरती से जुड़ाव और धर्म का पालन ही सच्ची शक्ति है। इस दिन भूमि, अन्न और जल के संरक्षण का संकल्प लेना विशेष फलदायी माना जाता है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, बलराम का जन्म वासुदेव और देवकी के गर्भ से उत्पन्न हुए लेकिन कंस के अत्याचार से बचाने के लिए उनका गर्भ योगमाया द्वारा रोहिणी के गर्भ में स्थानांतरित कर दिया गया। यही कारण है कि उन्हें संकरशन भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है स्थानांतरण या जो सबको आकर्षित करता है। बलराम जी हल और मूसल धारण करने वाले कृषि के देवता माने जाते हैं। वे धरती की उर्वरता, कृषि संस्कृति और ग्रामीण जीवन के संरक्षक हैं। वास्तव में बलराम जी का नाम राम था लेकिन उनके तेजस्वी बल के कारण, उन्हें बलराम, बलदेव या बलभद्र कहा जाता है।
Do Bhoomi Pujan on Balaram Jayanti बलराम जयंती पर करें भूमि पूजन: बलराम जी धरती और कृषि के देवता हैं, बलराम जयंती पर पूजा से पहले घर के किसी कोने में मिट्टी का छोटा भाग लाकर हल या खेती के उपकरण रखें।
बलराम जी की मूर्ति या चित्र को सफेद वस्त्र, चंदन और श्वेत फूलों से सजाएं।
दूध, दही, सफेद मिठाई और जौ/गेहूं की बालियों का अर्पण करें।
इस मंत्र का 108 बार जाप कर बल, धैर्य और समृद्धि की कामना की जाती है।
Balarama Jayanti Mantra बलराम जयंती मंत्र: ॐ बलदेवाय नमः
बलराम जयंती के दिन जुताई से उत्पन्न किया गया किसी भी तरह का अन्न व्रत रखने वाले को नहीं खाना चाहिए। संभव हो तो जो व्रतधारी नहीं हैं, वो भी जुताई से पैदा हुए अन्न को ग्रहण न करें।