Azim Khan Tomb: बदलने जा रहा है मुगल सेना के जनरल मकबरे का स्वरूप, दो माह में पूरा होगा संरक्षण कार्य
punjabkesari.in Tuesday, Jul 23, 2024 - 08:17 AM (IST)
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Azim Khan Tomb: कभी-कभी हम अपनी आंखों के सामने मौजूद चीज़ों को देखने में विफल हो जाते हैं। हम विदेशी और मायावी चीजों की तलाश करते हैं, जबकि हमारे सामने मौजूद खजानों को नजरअंदाज कर देते हैं। दक्षिण दिल्ली में स्थित अजीम खान का मकबरा एक ऐसा ही स्मारक है।
यह एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और इसलिए मीलों दूर से दिखाई देता है जो दिल्ली के आसपास बिखरी हुई अधिकांश अन्य संरचनाओं के विपरीत है। बेशक इसे महरौली पुरातत्व पार्क के स्मारकों का एक हिस्सा माना जा सकता है, लेकिन यह मुख्य सड ? के दूसरी तरफ कुछ दूरी पर स्थित है और इसलिए सामान्य भ्रमण के दौरान इसे भुला दिया जाता है। मगर अब यह मकबरा फिर से एक बार चमकने को तैयार है। इसके संरक्षण को लेकर कवायद शुरू हो गई है। स्मारक पिछले लगभग 14 वर्षों से उपेक्षित थी। इसका निर्माण 17वीं शताब्दी में किया गया था।
दो माह में पूरा होगा संरक्षण कार्य
एएसआई अधिकारी ने बताया कि स्मारक के संरक्षण को लेकर कार्य योजना तैयार हो गई है। स्मारक में कंक्रीट का फर्श बिछाया जाएगा। आने-जाने के रास्ते की मरम्मत करेंगे। स्मारक में प्लास्टर का कार्य करेंगे। दो महीने में संरक्षण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
मीलों दूर से नजर आता है पूरा मकबरा
मीलों दूर से नजर आने वाले इस एतिहासिक मकबरे के बारे में बताते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के एक अधिकारी ने कहा कि अगले हफ्ते से स्मारक के संरक्षण का कार्य शुरू हो जाएगा। यह स्मारक चट्टान पर स्थित है। दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन के बाद से स्मारक में संरक्षण का कार्य नहीं हुआ था। इस कारण स्मारक काफी उपेक्षित हो रही थी। फर्श की हालत जर्जर हो चुकी है। आवाजाही का रास्ता भी उबड़-खाबड़ हो गया है। प्लास्टर न होने से दीवार भी काली पड़ गई है। घास-फूस उग आई है। मीलों दूर से नजर आने वाला यह मकबरा खूबसूरत दिखना बंद हो गया है।
मुगल सेना के जनरल का है मकबरा
ए.एस.आई अधिकारी ने कहा कि यह मुगलकाल का मकबरा मुगल सेना के जनरल का है। चौकोर गुंबद वाला यह मकबरा एक चट्टान पर स्थित है। उत्तर दिशा में प्रवेश द्वार है। कब्र पर पत्थर नहीं है। मकबरे के बाहरी हिस्से में प्लास्टर और अंदर नक्काशी हो रखी है। गुबंद पर फूल-पत्ती बनी है। रेलिंग कंगारू संरचना के आकार में बनी हुई है। मकबरे के बाहर के हिस्से में भी अलग-अलग कब्र स्थित है।