दिव्य दर्शन, हर कार्य के अंत में विजय श्री की चाहत पूरी करेगा

punjabkesari.in Thursday, Feb 02, 2017 - 08:30 AM (IST)

जीवन में हर व्यक्ति सफल होना चाहता है परंतु हर व्यक्ति सफल नहीं होता या ये कहें कि हर व्यक्ति के हिस्से में सफलता नहीं आती। जीवन में सफलता का सूत्र है सकारात्मक सोच के साथ-साथ निरंतर प्रयास। तार्किक तौर पर जीवन में हर सफलता के चार घटक हैं पहला बुद्धि, दूसरा कर्म, तीसरा भाग्य व चौथा इष्ट कृपा। वास्तविकता में जीवन में वो ही व्यक्ति असफल होते हैं, जो सोचते हैं पर करते नहीं। जीवन में कोई भी कार्य सरल नहीं होता और ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका हल न हो परंतु आपको समस्या का नहीं समाधान का हिस्सा बनना है। बस इतना समझें कि देवी लक्ष्मी का जयन्त्यै स्वरूप इसी जीत को संबोधित करता है अर्थात जयन्त्यै वो देवी हैं जिसकी कृपा से हर कार्य के अंत में विजय श्री प्राप्त होती है।


पूजन विधि: सबसे पहले एक चौकी पर गुलाबी कपड़ा बिछाकर उस पर देवी लक्ष्मी के चित्र को विराजमान करें। दीपक जलाए, चंदन की धूप करें, देवी के चित्र पर रोली से तिलक करें, इसके बाद गुलाब का फूल चढ़ाएं और मिश्री का भोग लगाएं। यही पंचोपचार पूजा है इसके बाद अपनी श्रद्धा अनुसार चावल, कमल गट्टा, नारियल, फल, मिष्ठान इत्यादि चढ़ाएं। इसके बाद सफ़ेद चंदन की माला से निम्नलिखित मंत्र का जाप करें। इस मंत्र के जाप से निश्चित ही आपको लक्ष्य की प्राप्ति होगी।

 

मंत्र: श्रीं जयन्त्यै नमः।

 

मंत्र संसाधन: अष्ट लक्ष्मी स्तोत्रम्


आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com


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