Ashwin Masik Shivratri 2024: अश्विन मासिक शिवरात्रि पर बनेंगे शुभ संयोग, इस विधि से करें पूजा
punjabkesari.in Monday, Sep 30, 2024 - 06:44 AM (IST)
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Ashwin Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि पर शिव जी की आराधना करने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है। कुंवारी लड़कियां शीघ्र विवाह के लिए इस दिन महादेव संग मां पार्वती की पूजा करती हैं। तो आइए मासिक शिवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग के बारे में जानते हैं-
Ashwin Masik Shivratri 2024: मासिक शिवरात्रि का व्रत हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन रखा जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है। मासिक शिवरात्रि के दिन शाम के समय शिव जी और शक्ति की पूजा करने का खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन शिव जी की आराधना करने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है। कुंवारी लड़कियां शीघ्र विवाह के लिए इस दिन महादेव संग मां पार्वती की पूजा करती हैं। तो आइए मासिक शिवरात्रि की तिथि, शुभ मुहूर्त एवं योग के बारे में जानते हैं-
Ashwin Masik Shivratri 2024 Date and Shubh muhurat अश्विन मासिक शिवरात्रि 2024 डेट और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 30 सितंबर को शाम 07 बजकर 06 मिनट पर शुरू होगी और 01 अक्टूबर को रात 09 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के मुताबिक आश्विन माह की शिवरात्रि 30 सितंबर को मनाई जाएगी।
शिव पूजा: रात 11 बजकर 47 मिनट से लेकर 12 बजकर 35 मिनट तक है।
Masik Shivratri Shubh Yog मासिक शिवरात्रि शुभ योग
मासिक शिवरात्रि पर शुभ योग का निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण 01 अक्टूबर को देर रात 01 बजकर 18 मिनट तक है। आश्विन माह की मासिक शिवरात्रि पर पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र का संयोग बन रहा है। माना जाता है कि इस योग में शिव जी और शक्ति दोनों की पूजा करने से जीवन की हर परेशानी दूर हो जाती है और हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
Ashwin Monthly Shivratri Puja Vidhi अश्विन मासिक शिवरात्रि पूजा विधि
मासिक शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें।
फिर पूजा घर की सफाई करने के बाद गंगा जल का छिड़काव करें।
अब एक चौकी पर शिव जी और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
उसके बाद शिव जी को बेलपत्र, फल, फूल, अक्षत और भांग और माता पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें।
शिव जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं और मिठाई का भोग लगाएं।
उसके बाद शिव जी के मंत्रों और नाम का जाप करें।
अंत में आरती करें और प्रसाद सभी में बांट दें।
Mantras of Lord Shiva शिव जी के मंत्र
शिव नमस्कार मंत्र
शम्भवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।।
ईशानः सर्वविध्यानामीश्वरः सर्वभूतानां ब्रम्हाधिपतिमहिर्बम्हणोधपतिर्बम्हा शिवो मे अस्तु सदाशिवोम।।
पंचाक्षरी मंत्र
ॐ नम: शिवाय
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव गायत्री मंत्र
ओम तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात
लघु महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः
Names of Lord Shiva शिव जी के नाम
भगवान शिव के 108 नाम
ॐ भोलेनाथ नमः
ॐ कैलाश पति नमः
ॐ भूतनाथ नमः
ॐ नंदराज नमः
ॐ नन्दी की सवारी नमः
ॐ ज्योतिलिंग नमः
ॐ महाकाल नमः
ॐ रुद्रनाथ नमः
ॐ भीमशंकर नमः
ॐ नटराज नमः
ॐ प्रलेयन्कार नमः
ॐ चंद्रमोली नमः
ॐ डमरूधारी नमः
ॐ चंद्रधारी नमः
ॐ मलिकार्जुन नमः
ॐ भीमेश्वर नमः
ॐ विषधारी नमः
ॐ बम भोले नमः
ॐ ओंकार स्वामी नमः
ॐ ओंकारेश्वर नमः
ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
ॐ विश्वनाथ नमः
ॐ अनादिदेव नमः
ॐ उमापति नमः
ॐ गोरापति नमः
ॐ गणपिता नमः
ॐ भोले बाबा नमः
ॐ शिवजी नमः
ॐ शम्भु नमः
ॐ नीलकंठ नमः
ॐ महाकालेश्वर नमः
ॐ त्रिपुरारी नमः
ॐ त्रिलोकनाथ नमः
ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
ॐ बर्फानी बाबा नमः
ॐ जगतपिता नमः
ॐ मृत्युन्जन नमः
ॐ नागधारी नमः
ॐ रामेश्वर नमः
ॐ लंकेश्वर नमः
ॐ अमरनाथ नमः
ॐ केदारनाथ नमः
ॐ मंगलेश्वर नमः
ॐ अर्धनारीश्वर नमः
ॐ नागार्जुन नमः
ॐ जटाधारी नमः
ॐ नीलेश्वर नमः
ॐ गलसर्पमाला नमः
ॐ दीनानाथ नमः
ॐ सोमनाथ नमः
ॐ जोगी नमः
ॐ भंडारी बाबा नमः
ॐ बमलेहरी नमः
ॐ गोरीशंकर नमः
ॐ शिवाकांत नमः
ॐ महेश्वराए नमः
ॐ महेश नमः
ॐ ओलोकानाथ नमः
ॐ आदिनाथ नमः
ॐ देवदेवेश्वर नमः
ॐ प्राणनाथ नमः
ॐ शिवम् नमः
ॐ महादानी नमः
ॐ शिवदानी नमः
ॐ संकटहारी नमः
ॐ महेश्वर नमः
ॐ रुंडमालाधारी नमः
ॐ जगपालनकर्ता नमः
ॐ पशुपति नमः
ॐ संगमेश्वर नमः
ॐ दक्षेश्वर नमः
ॐ घ्रेनश्वर नमः
ॐ मणिमहेश नमः
ॐ अनादी नमः
ॐ अमर नमः
ॐ आशुतोष महाराज नमः
ॐ विलवकेश्वर नमः
ॐ अचलेश्वर नमः
ॐ अभयंकर नमः
ॐ पातालेश्वर नमः
ॐ धूधेश्वर नमः
ॐ सर्पधारी नमः
ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
ॐ हठ योगी नमः
ॐ विश्लेश्वर नमः
ॐ नागाधिराज नमः
ॐ सर्वेश्वर नमः
ॐ उमाकांत नमः
ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
ॐ त्रिकालदर्शी नमः
ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
ॐ महादेव नमः
ॐ गढ़शंकर नमः
ॐ मुक्तेश्वर नमः
ॐ नटेषर नमः
ॐ गिरजापति नमः
ॐ भद्रेश्वर नमः
ॐ त्रिपुनाशक नमः
ॐ निर्जेश्वर नमः
ॐ किरातेश्वर नमः
ॐ जागेश्वर नमः
ॐ अबधूतपति नमः
ॐ भीलपति नमः
ॐ जितनाथ नमः
ॐ वृषेश्वर नमः
ॐ भूतेश्वर नमः
ॐ बैजूनाथ नमः
ॐ नागेश्वर नमः