Ashunya Shayan Vrat: जो पति अपनी पत्नी से करते हैं प्यार, वो आज अवश्य करें ये काम
punjabkesari.in Tuesday, Nov 28, 2023 - 10:24 AM (IST)
शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
Ashunya Shayan Vrat 2023: आज 28 नवंबर, 2023 को अशून्य शयन द्वितीया व्रत है। अशून्य शयन द्वितिया का अर्थ होता है बिस्तर पर अकेले न सोना पड़े। इस व्रत के प्रभाव से पति-पत्नी का साथ और प्रेम सदा बना रहता है। कोई भी ऊपरी बाधा या शक्ति उनके रिश्ते पर अपना प्रभाव डालनें में असमर्थ रहती है। अशून्य शयन द्वितीया के दिन महालक्ष्मी के संग श्री हरि विष्णु का पूजन किया जाता है। इस व्रत में पति को इस तरह प्रार्थना करनी चाहिए- लक्ष्म्या न शून्यं वरद यथा ते शयनं सदा। शय्या ममाप्य शून्यास्तु तथात्र मधुसूदन।।
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अर्थात- हे वरद, जैसे आपकी शेषशय्या लक्ष्मी जी से कभी भी सूनी नहीं होती, वैसे ही मेरी शय्या अपनी पत्नी से सूनी न हो, यानि मैं उससे कभी अलग न रहूं, ऐसे प्रार्थना करें।
Ashunya Shayan Vrat shubh muhurat अशून्य शयन व्रत शुभ मुहूर्त: द्वितीया तिथि का आरंभ 27 नवंबर की दोपहर 2 बजकर 1 मिनट पर हो चुका है। जो 28 नवंबर यानी आज की दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगी। द्वितीया तिथि का चंद्रोदय आज मंगलवार की रात को होगा। अशून्य शयन द्वितीया व्रत के चाहवान आज ही व्रत का पालन करेंगे। चंद्रोदय रात 7 बजकर 9 मिनट पर होगा तत्पश्चात व्रत का पालन करें।
Ashunya Shayan Vrat mahatva अशून्य शयन व्रत महत्व: जिस प्रकार से महिलाएं तीज और करवाचौथ का व्रत अपने सुहाग की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए करती हैं, उसी तरह पति अशून्य शयन व्रत अपनी पत्नी की सलामती और रिश्ते को खुशहाल बनाने के लिए करते हैं।
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शास्त्रों के अनुसार, अशून्य शयन द्वितिया व्रत में श्री हरि विष्णु और उनकी जीवन संगिनी लक्ष्मी जी की पूजा करने का विधान है। अशून्य शयन व्रत श्री हरि विष्णु के शयन उत्सव मनाने का माध्यम है। गृहस्थ में रहने वाले हर उस पुरुष को यह व्रत करना चाहिए, जो अपनी अर्द्धांगिनी को सच्चे ह्रदय से प्रेम करते हैं।
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Ashunya Shayan Vrat Paran Vidhi अशून्य शयन व्रत की पारण विधि: द्वितीया तिथि की रात को चंद्रोदय होने पर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अशून्य शयन व्रत का पारण किया जाएगा। रात के समय चन्द्र दर्शन होने पर चावल, दूध, दही और फलों से चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करें।