जाने-अनजाने पति-पत्नी ये कर्म करेंगे तो उन्हें भोगने पड़ सकते हैं भयंकर परिणाम

punjabkesari.in Thursday, Jun 11, 2015 - 03:21 PM (IST)

सुखी जीवन जीने के लिए धर्म शास्त्रों में बहुत से नियमों का उल्लेख किया गया है। वेदमार्ग के दसवें पुराण ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार कुछ ऐसे काम हैं जो स्त्री और पुरुष को कभी नहीं करने चाहिए। जाने-अनजाने वो ये कर्म करते हैं तो उन्हें भयंकर परिणाम भोगने पड़ सकते हैं। प्रकृति के विविध परिणामों का प्रतिपादन ही इस ''ब्रह्मवैवर्त पुराण'' में प्राप्त होता है।

- पति-पत्नी को एक-दूसरे के प्रति ईमानदार रहते हुए वैवाहिक जीवन के नियमों का पालन करना चाहिए। एक-दूसरे के विश्वास को तोडऩा महापाप है। जो दंपत्ती इस नियम का उल्लंघन करते हैं उन से देवी लक्ष्मी रूष्ट हो जाती हैं और उनकी काया रोगग्रस्त हो जाती है।

- अमावस्या, पूर्णिमा, चतुर्दशी और अष्टमी तिथि पर स्त्री संग, तेल मालिश और मांस मदिरा का सेवन न करें।

- जो पत्नी अपने पति को डांटती, सताती अथवा उनकी आज्ञा नहीं मानती उसके द्वारा किए गए पुण्य कर्म पाप कर्मों में परिवर्तित हो जाते हैं। पति के साथ झगड़ा करने वाली पत्नी अगले जन्म में सूअर बनती हैं।

- अपनी बोली से दूसरों को दुख पहुंचाने वाली महिलाएं अगले जन्म में कौआ बनती हैं।

शास्त्र कहते हैं कि जब पति-पत्नी में आपसी कटुता या मतभेद न हो तो गृहस्थी धर्म, अर्थ व काम से सुख-समृद्ध हो जाती है।


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