यह मंत्र आपके घर को रखेगा दोषों से दूर
punjabkesari.in Thursday, Jun 11, 2015 - 10:53 AM (IST)

चैत्र में मकान बनाने से शोक, ज्येष्ठ में मकान बनाने से मृत्यु, आषाढ़ में मकान बनाने से पशुनाश, भाद्रपद में शून्यता, आश्विन में कलह, कार्तिक में नौकर का नाश तथा माघ में गृह निर्माण से अग्रि का भय बना रहता है, अत: इन महीनों में मकान बनाने का कार्य नहीं करना चाहिए। जब मकान बनकर तैयार हो जाए तो गृह प्रवेश सूर्य के उत्तरायन में करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। गृह प्रवेश वैशाख, ज्येष्ठा, श्रावण, कार्तिक, मार्गशीर्ष, माघ, फाल्गुन मास में करना शुभ होता है। चैत्र, आषाढ़, भाद्रप्रद, अश्विनी, पौष मास में गृह प्रवेश करना अशुभ होता है।
नया घर खरीदने या बनवाने पर वास्तु शांति करवाना आवश्यक माना गया है। वास्तु शांति वास्तुपुरुष की प्रसन्नता हेतु करवाई जाती है। इस बात के पीछे यह मान्यता है कि जमीन के किसी हिस्से पर जब भी कोई निर्माण करवाया जाता है तो उस जमीन पर निवास कर रहीं शक्तियां की शक्ति जागृति हो जाती हैं। ये शक्तियां ही वास्तु पुरुष हैं। वास्तुपुरुष के शरीर पर ही 33 कोटि देवता का वास होता है। देवताओं की प्रसन्नता के लिए वास्तु पूजन किया जाता है ताकि ये सभी देवता खुश रहें और हमारे जीवन में खुशियां बिखरें।
वास्तोष्पते प्रति जानीह्यस्मान् त्स्वावेशो अनमीवो: भवान्।
यत् त्वेमहे प्रति तन्नो जुषस्व शं नो भव द्विपदे शं चतुष्पदे।।
मंत्र स्रोत मत्स्य पुराण
नए घर में प्रवेश करने के उपरांत नियमित रूप से इस मंत्र का जाप निश्चित रूप से फलप्रद रहता है। इसके जाप से वास्तु दोष दूर होते हैं. घर की पूर्व दिशा में वास्तुपुरुष का यंत्र स्थापित करें। यंत्र का नित्य पंचोपचार पूजन करें तथा पूर्वमुखी होकर इस मंत्र का पंचमुखी रुद्राक्ष की माला से नित्य जाप करें।
आचार्य कमल नंदलाल
ईमेल: kamal.nandlal@gmail.com