आपके साथ होने लगे कुछ ऐसा तो समझ जाएं चल रही है शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या

punjabkesari.in Saturday, May 23, 2015 - 10:28 AM (IST)

ज्योतिष में शनि ग्रह का विशेष स्थान है। जिनकी कुंडली में शनि की स्थिति अच्छी हो उन्हें साढ़ेसाती में लाभ भी होता है और हानि भी संभावित होती है। जिनका शनि खराब है उन्हें हानि होने की संभावना रहती है। शनि की साढ़ेसाती तब आरंभ होती है जब चंद्र कुंडली में, जन्म राशि से शनि एक घर बाद में और एक पहले में गोचर वश आ जाएं । यानी 2-1- 12 भावों में जब शनि आता है तब अढ़ाई-अढ़ाई साल उस भाव में रहता है।

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इसके अतिरिक्त आपके व्यक्तित्व में कुछ ऐसा विलक्षण होने लगता है जिससे आप समझ जाएं की शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या आप पर भारी पड़ने वाली है। शनि अपना प्रभाव जमाने के लिए जानें कैसे- कैसे खेल रचता है।

मांस-मदिरा का सेवन वैसे तो शास्त्र विरूद्ध है। इनके सेवन से सदा दूर रहना चाहिए लेकिन जब शनि भारी पड़ने लगते हैं तो भोज्य पदार्थों में रुचि बदलने लगती है। व्यक्ति का रूझान मीट, मछली, चिकन यानी मांसाहार और मदिरा के सेवन में बढ़ने लगता है। साढ़ेसाती और ढैय्या के समय में जहां तक संभव हो इनसे दूर रहें अन्यथा मंगलवार और शनिवार को कदापि इनका सेवन न करें।

जूते-चप्पल का गुमना शुभ शकुन माना जाता है। बड़े बुजुर्ग कहते हैं की इससे अशुभ ग्रह शुभ होते हैं लेकिन जब व्यक्ति शनि की नजरों में आता है तो उसके जूते-चप्पल या तो गुम होने लगते हैं अथवा बहुत जल्द टूट जाते हैं। बहुत बार तो अकस्मात लंबी यात्राएं भी करनी पड़ जाती हैं। शनिवार को जूते-चप्पल का दान करना बहुत शुभ माना जाता है विशेषतौर पर चमड़े के जूते चप्पल। शनिवार की शाम जूते का दान करें।

नौकरी एवं कारोबार में गड़बड़ाहट रहने लगती है बेचैनी सताने लगती है। जी तोड़ मेहनत करने पर भी उसका पूरा फल नहीं मिल पाता। बॉस से संबंध बिगड़ने लगते हैं और कई बार तो नौकरी भी छूट जाती है या अनचाहे स्थान पर तबादला भी हो जाता है। घर में धन की कमी होने से व्यक्ति तनाव में आ जाता है और स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

सगे-संबंधियों से जमीन-जायदाद को लेकर लड़ाई-झगड़ा होने लगता है, भाइयों में दूरियां आ जाती हैं, आचानक से घर की कोई दिवार का गिर जाना, घर की तोड़-फोड़ पर जरूरत से अधिक धन खर्च होने लगना, न चाहते हुए भी असत्य भाषण करने लगना, पर स्त्री एवं पुरूष में रूचि बढ़ना, अनैतिक संबंध बनना।

शनि के प्रभाव से बचने के लिए मन को एकाग्र करके खुद पर नियंत्रण रखें, शनि संबंधित वस्तुओं का दान करें। 


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