आखातीज अबूझ मुहूर्त पर करें कुछ खास
punjabkesari.in Monday, Apr 20, 2015 - 02:26 PM (IST)

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया की अधिष्ठात्री देवी माता गौरी है। उनकी साक्षी में किया गया धर्म-कर्म व दिया गया दान अक्षय हो जाता है इसलिए इस तिथि को अक्षय तृतीया कहा गया है। आखातीज अबूझ मुहूर्त मानी गई है। अक्षय तृतीया से समस्त मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। हालांकि मेष राशि के सूर्य में धार्मिक कार्य आरंभ माने जाते हैं लेकिन शास्त्रीय मान्यता अनुसार सूर्य की प्रबलता व शुक्ल पक्ष की उपस्थिति में मांगलिक कार्य करना अति श्रेष्ठ है।
* अक्षय तृतीया भगवान विष्णु का दिन माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान गणेश ने भी इसी दिन से महाभारत लिखना शुरू किया था। भगवान गणेश ने वेद व्यास जी के सामने शर्त रखी थी कि जिस समय वह महाभारत को लिखना शुरू करेंगे तब उनकी कलम एक क्षण भी नहीं रुकेगी।
* इस दिन जिनका परिणय-संस्कार होता है, उनका सौभाग्य अखंड रहता है।
* इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन स्वयंसिद्ध मुहूर्त माना गया है।
* श्री परशुराम जी का अवतरण भी इसी दिन हुआ था।
''ॐ रां रां ॐ रां रां परशुहस्ताय नम:।।''
जप-ध्यान कर दशांस हवन का अनुष्ठान करें।
* मृत्यु के बाद जब अन्य लोक में जाना पड़ता है तब उस कोष से दिया गया दान विभिन्न रूपों में प्राप्त होता है। पुनर्जन्म लेकर जब धरती पर आते हैं तब भी उस कोष में जमा धन के कारण धरती पर भौतिक सुख एवं वैभव प्राप्त होता है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन स्वर्ण, भूमि, पंखा, जल, सत्तू, जौ, छाता, वस्त्र कुछ भी दान कर सकते हैं। जौ दान करने से स्वर्ण दान का फल प्राप्त होता है।
* इस दिन सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति एकजुट होकर चलते हैं जो हर तरह के काम के लिए शुभ मुहूर्त माना जाता है। यही वजह है कि लोग इस दिन को किसी नए सामान की खरीदारी के लिए अच्छा मानते हैं। खरीदने के साथ ही कोई चीज दान करना भी इस दिन पुण्य बटोरने व समृद्धि लाने का प्रतीक माना जाता है। इस दिन घर में हवन, पूजा और पितरों को श्राद्ध देना भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है।
* महिलाएं इस दिन शिव मंदिर जाकर गले में लाल धागा और माथे पर सिंदूर लगाकर पति की लम्बी उम्र के लिए दुआ मांगतीं हैं। माना जाता है कि कोई व्यक्ति लम्बे समय से बीमार चल रहा हो तो उसके तकिए के नीचे नीम की पत्तियां रख कर उन्हें इस दिन शिव मंदिर में चढ़ाने से लाभ मिलता है।
* शादी व दूसरे किसी अन्य कार्यक्रम के लिए भी यह दिन शुभ होता है। इस दिन मुहूर्त व लग्र निकालने की जरूरत नहीं होती। सीधे कोई भी काम किसी भी वक्त पर किया जा सकता है। जिन लोगों की शादी का लग्न नहीं निकल पाता वे इस दिन बिना किसी लग्न के शादी कर सकते हैं।
* अक्षय तृतीया पर कुंभ का पूजन व दान अक्षय फल प्रदान करता है। यदि इस दिन नक्षत्र व योग का शुभ संयोग भी बन रहा हो तो इसके महत्व में और वृद्धि होती है। इस वर्ष रोहिणी नक्षत्र व सौभाग्य योग के साथ आ रही आखा तीज पर दिया गया कुंभ का दान भाग्योदय कारक होगा।
* इस दिन दान एवं उपवास करने का हजार गुना फल मिलता है। अक्षय तृतीया के दिन महालक्ष्मी की साधना विशेष लाभकारी एवं फलदायक सिद्ध होती है।