Happy and Tension free life के लिए अपनाएं कुछ तरीके

punjabkesari.in Tuesday, Mar 31, 2015 - 08:54 AM (IST)

 * जो नीच प्रवृत्ति के लोग दूसरों के दिलों को चोट पहुंचाने वाले मर्मभेदी वचन बोलते हैं, दूसरों की बुराई करने में खुश होते हैं, अपने वचनों द्वारा वे कभी-कभी अपने ही द्वारा बिछाए जाल में स्वयं ही घिर जाते हैं और उसी तरह नष्ट हो जाते हैं जिस तरह रेत के टीले के भीतर बांबी समझ कर सांप घुस जाता है और फिर दम घुटने से उसकी मौत हो जाती है।

 * समय के अनुसार विचार न करना अपने लिए विपत्तियों को बुलावा देना है, गुणों पर स्वयं को समर्पित करने वाली सम्पत्तियां विचारशील पुरुष का वरण करती हैं। इसे समझते हुए लोग एवं आर्य पुरुष सोच-विचार कर ही किसी कार्य को करते हैं। मनुष्य को कर्मानुसार फल मिलता है और बुद्धि भी कर्म फल से ही प्रेरित होती है। इस विचार के अनुसार विद्वान और सज्जन पुरुष विवेक पूर्णता से ही किसी कार्य को पूर्ण करते हैं।

 * जो बात बीत गई उसके बारे में सोचना नहीं चाहिए। समझदार लोग भविष्य की भी चिंता नहीं करते और केवल वर्तमान पर ही विचार करते हैं। हृदय में प्रीति रखने वाले लोगों को ही दुख झेलने पड़ते हैं।

 * प्रीति सुख का कारण है तो भय का भी। अतएव प्रीति में चालाकी रखने वाले लोग ही सुखी होते हैं। जो व्यक्ति आने वाले संकट का सामना करने के लिए पहले से ही तैयारी कर रहे होते हैं वे उसके आने पर तत्काल उसका उपाय खोज लेते हैं। 

 * जो यह सोचता है कि भाग्य में जो लिखा है वही होगा वह जल्द खत्म हो जाता है। मन को विषय में लगाना बंधन है और विषयों से मन को हटाना मुक्ति है।


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