कौरवों का वंश जिनका न रहा कोई अंश जानें उनके नाम
punjabkesari.in Thursday, Mar 12, 2015 - 09:25 AM (IST)

गांधार नरेश राजा सुबल की पुत्री गांधारी से महाराज धृतराष्ट्र को 100 पुत्रों की प्राप्ति हुई थी। जो कौरवों के नाम से जाने जाते हैं। उनकी एक पुत्री भी थी। माना जाता है की धृतराष्ट्र के किसी दासी से संबंध थे। उससे भी उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति हुई थी। जिस वक्त पहले कौरव का जन्म हुआ उस समय दुर्योधन पैदा हुआ उसी वक्त उस दासी ने भी एक पुत्र को जन्म दिया जिसका नाम था ‘युतुत्सु’। इस प्रकार कौरव 100 नहीं बल्कि 102 थे, जिनके नाम इस प्रकार हैं:
गांधारी के सौ पुत्रों के नाम
महर्षि वेदव्यास के कथनानुसार गांधारी के पेट से निकले मांस पिण्ड से सौ पुत्र व एक पुत्री ने जन्म लिया। महाभारत के आदिपर्व के अनुसार उनके नाम हैं-
गांधारी का सबसे बड़ा पुत्र था दुर्योधन। उसके बाद दु:शासन, दुस्सह, दुश्शल, जलसंध, सम, सह, विंद, अनुविंद, दुद्र्धर्ष, सुबाहु, दुष्प्रधर्षण, दुर्मुर्षण, दुर्मुख, दुष्कर्ण, कर्ण, विविंशति, विकर्ण, शल, सत्व, सुलोचन, चित्र, उपचित्र, चित्राक्ष, चारुचित्र, शरासन, दुर्मुद, दुर्विगाह, विवित्सु, विकटानन, ऊर्णनाभ, सुनाभ, नंद, उपनंद, चित्रबाण, चित्रवर्मा, सुवर्मा, दुर्विमोचन, आयोबाहु, महाबाहु, चित्रांग, चित्रकुंडल, भीमवेग, भीमबल, बलाकी, बलवद्र्धन, उग्रायुध, सुषेण, कुण्डधार, महोदर, चित्रायुध, निषंगी, पाशी, वृंदारक, दृढ़वर्मा, दृढ़क्षत्र, सोमकीर्ति, अनूदर, दृढ़संध, जरासंध, सत्यसंध, सद:सुवाक, उग्रश्रवा, उग्रसेन, सेनानी, दुष्पराजय, अपराजित, कुण्डशायी, विशालाक्ष, दुराधर, दृढ़हस्त, सुहस्त, बातवेग, सुवर्चा, आदित्यकेतु, बह्वाशी, नागदत्त, अग्रयायी, कवची, क्रथन, कुण्डी, उग्र, भीमरथ, वीरबाहु, अलोलुप, अभय, रौद्रकर्मा, दृढऱथाश्रय, अनाधृत्य, कुण्डभेदी, विरावी, प्रमथ, प्रमाथी, दीर्घरोमा, दीर्घबाहु, महाबाहु, व्यूढोरस्क, कनकध्वज, कुण्डाशी और विरजा।
गांधारी की पुत्री का नाम दुश्शला था जिसका विवाह राजा जयद्रथ के साथ हुआ था।