Apara Ekadashi 2024: अपार धन और प्रसिद्धि प्राप्त करने के लिए इस दिन रखा जाएगा अपरा एकादशी का व्रत, जानें Date

punjabkesari.in Sunday, Jun 02, 2024 - 06:26 AM (IST)

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Apara Ekadashi 2024: ज्येष्ठ माह का महीना शुरू हो चुका है और ऐसे में इस माह के व्रत और त्यौहार शुरू हो चुके हैं। इस माह में अपरा एकादशी का व्रत रखा जाता है। जिसे अचला एकादशी के नाम से भी जानते हैं। मान्यताओं के अनुसार जीवन के पापों से मुक्ति और अपार धन की प्राप्ति के लिए ये व्रत रखा जाता है। कहते हैं यदि कोई व्यक्ति गलती से भी इस व्रत को रख लेता है तो जान-अनजाने में किए 10 महापापों से मुक्त मिलती है और साथ में इसके शुभ प्रभाव से अंत समय में व्यक्ति वैकुण्ठ धाम को प्राप्त होता है। तो आज इस आर्टिकल में बात करेंगे कि किस दिन रखा जाएगा अपरा एकादशी का व्रत और इसका महत्व।

Apara Ekadashi  Date अपरा एकादशी तिथि
पंचांग के अनुसार 2024 में अपरा एकादशी का व्रत 2 जून को रखा जाएगा। भगवान विष्णु की पूजा के लिए शुभ समय सुबह 5 बजे से लेकर दोपहर 12 बजकर 12 मिनट तक।

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Importance of Apara Ekadashi अपरा एकादशी का महत्व
हर व्यक्ति जाने-अनजाने में अपने जीवन में कुछ न कुछ पाप कर बैठता है। ऐसे में इन पापों से मुक्ति पाने के लिए ये व्रत बेहद ही खास माना जाता है। जो लोग सच्चे मन से इस व्रत को रखते हैं उन्हें अंत समय में नरक का मुंह नहीं देखना पड़ता है। इसके अलावा जो फल कार्तिक माह में स्नान करने से  मिलता है वो एक दिन इस व्रत को रखने से मिल जाता है। इसके अलावा तीनों लोकों में प्रसिद्धि प्राप्त के लिए ये दिन बेहद खास है।

Do not do these things on the day of Apara Ekadashi अपरा एकादशी के दिन न करें ये काम

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन चावल, उड़द, मसूर, लहसुन, प्याज, और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।

इस दिन ज्यादा से ज्यादा ब्रह्मचर्य का पालन करें।

एकादशी के दिन गलती से भी झूठ या फिर किसी की भी निंदा नहीं करनी चाहिए।

इसके अलावा एकादशी के दिन किसी का भी अपमान न करें।

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Worship like this इस तरह करें पूजा

अपरा एकादशी के दिन श्री हरि को पीले फूल अर्पित करने चाहिए।

इस दिन ज्यादा से ज्यादा कथा और विष्णु चालीसा का पाठ करें।

फिर भगवान विष्णु की पूजा करने के बाद उनके मंत्रों का जाप करें -

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

ॐ विष्णवे नम:

ॐ हूं विष्णवे नम:

ॐ नमो नारायण। श्री मन नारायण नारायण हरि हरि।

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे। हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

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Content Editor

Prachi Sharma

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