Ganesh Visarjan: गणपति बप्पा अगले बरस तू जल्दी आना...

punjabkesari.in Thursday, Sep 28, 2023 - 07:37 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Ganesh Visarjan 2023: गणपति बप्पा हिन्दुओं के आदि आराध्य देव होने के साथ-साथ प्रथम पूजनीय भी हैं। किसी भी तरह के धार्मिक उत्सव, यज्ञ, पूजन, सत्कर्म या फिर वैवाहिक कार्यक्रमों में सभी के निर्विघ्न रूप से पूर्ण होने की कामना के लिए विघ्नहर्ता हैं और एक तरह से शुभता के प्रतीक भी। ऐसे आयोजनों की शुरूआत गणपति पूजन से ही की जाती है। शिवपुराण के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी को गणेश जी का जन्म हुआ था, जिन्हें अपने माता-पिता की परिक्रमा करने के कारण माता पार्वती और पिता शिव ने विश्व में सर्वप्रथम पूजे जाने का वरदान दिया था।

PunjabKesari Anant Chaturdashi ganpati visarjan

गणेश चतुर्थी की शुरूआत
इतिहास में जो प्रमाण हैं उससे केवल अनुमान ही लगाया जाता है कि ‘गणेश चतुर्थी’ की शुरूआत सन् 1630 से 1680 के बीच मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी के शासनकाल में की गई थी। शिवाजी महाराज के बचपन में उनकी मां जीजाबाई यानी राजमाता जिजाऊ ने पुणे में ग्रामदेवता कस्बा गणपति की स्थापना की थी। इसके बाद से निरंतर इस पर्व को किसी न किसी रूप में मनाए जाने के प्रमाण मिलते हैं। बताते हैं कि पेशवाओं के अन्त के बाद यह पर्व एक पारिवारिक उत्सव तक सीमित रह गया था। 

PunjabKesari Anant Chaturdashi ganpati visarjan
लेकिन बाद में परतंत्रता के दौर में अंग्रेजों ने किस कदर जुल्म ढाए कहने की जरूरत नहीं क्योंकि उससे हर भारतीय वाकिफ है। इसी समय लोकमान्य बालगंगाधर तिलक ‘स्वराज’ के लिए न केवल संघर्ष कर रहे थे, बल्कि स्वराज की अलख घर-घर और जन-जन तक पहुंचाने का बीड़ा भी उठाए हुए थे। उनके मन में विचार आया कि क्यों न गणेश चतुर्थी को एक बड़े आयोजन की शक्ल देकर मनाएं, जिससे ब्राह्मणों और गैर-ब्राह्मणों के बीच के संघर्ष भी खत्म हो सकें और सभी लोगों के बीच एकता कायम हो जाए तथा स्वराज का संदेश भी पहुंच जाए।

PunjabKesari Anant Chaturdashi ganpati visarjan 

बाल गंगाधर का आह्वान
इसी सोच को लेकर 1893  में पहली बार सार्वजनिक गणेश उत्सव की शुरूआत बाल गंगाधर तिलक ने की। हुआ भी वही जो तिलक चाहते थे। उत्सव के पूरे 10 दिनों में हर रोज बड़ी-बड़ी शख्सियतें जैसे खुद लोकमान्य तिलक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, वीर सावरकर, बिपिन चंद्र पाल, लाला लाजपत राय, पं. मदन मोहन मालवीय, चापेकर बंधु, बैरिस्टर जयकर, रेंगलर रघुनाथ, पुरुषोत्तम परांजपे, मौलिकचंद्र शर्मा, दादासाहेब खापर्डे, बैरिस्टर चक्रवर्ती और सरोजनी नायडू जैसे लोग भाषण देने पहुंचते और स्वतंत्रता का संदेश भी देते। लोग भी जबरदस्त प्रेरित होने लगे, लेकिन अंग्रेज चाहकर भी कुछ कर नहीं पाते थे क्योंकि गणेश पर्व धार्मिक कार्यक्रम था जिसमें शामिल भीड़ को वे कानूनन गिरफ्तार नहीं कर सकते थे। इस तरह गणेशोत्सव पारिवारिक उत्सव की जगह सामुदायिक भागीदारी के जरिए मनना शुरू हो गया।

PunjabKesari Anant Chaturdashi ganpati visarjan

इसी बहाने समाज और समुदायों का मेलजोल भी बढ़ा तथा लोग हर बार नई भव्यता का स्वरूप देने के लिए बार-बार मिलते। इस तरह यह पर्व सामुदायिक त्यौहार बन गया जिसमें बौद्धिक विचार, वाद-विवाद, भाषण, कविता, नृत्य, भक्ति गीत, नाटक, संगीत समारोह, लोकनृत्य के साथ अंग्रेजों को खदेडऩे पर भी सोच-विचार करते। देखते ही देखते यह एक आंदोलन बन गया जिससे लोगों में एकजुटता के साथ भाईचारा भी खूब बढ़ा जो अंतत: स्वराज हासिल करने के लिए ब्रह्मास्त्र बना।  

PunjabKesari Ganesh Visarjan 2020

स्वतंत्रता संग्राम में अगुवा बने
साल दर साल आयोजन में बढ़ती भीड़ के साथ अंग्रेजों की बढ़ती परेशानी का जिक्र रोलैट एक्ट में भी मिलता है जिसमें कहा गया था कि  गणेशोत्सव के दौरान युवाओं की टोलियां सड़कों पर घूम-घूम कर ब्रिटिश हुकूमत विरोधी गीत गाती हैं जिसमें स्कूली बच्चे पर्चे बांटते हैं तथा हथियार उठाने और मराठों से शिवाजी की तरह विद्रोह करने का आह्वान करते हुए अंग्रेजी सत्ता को उखाड़ फैंकने के लिए इस धार्मिक संघर्ष को जरूरी बताते हैं। इस तरह स्वतंत्रता संग्राम के अगुवा भी विघ्नहर्ता गणेश बन गए।

PunjabKesari Ganesh Visarjan 2020

गणेश पूजन की शुरूआत भाद्रपद शुद्ध चतुर्थी से शुरू होती है और अनंत चतुर्दशी पर समाप्त होती है। 11वें दिन नृत्य और गायन के साथ सड़क पर एक यात्रा के माध्यम से गणेश विसर्जन किया जाता है। जिसमें लोग भगवान से अगले साल फिर आने की प्रार्थना करते हैं। इस तरह महाराष्ट्र से शुरू हुआ आंदोलन रूपी पर्व पूरे देश की अटूट श्रद्धा की पहचान बन गया तथा विदेशों में भी तमाम जगह शिद्दत से मनाया जाता है। समय के साथ पर्व का स्वरूप जरूर बदलता रहा लेकिन विविधता भरे भारत की एकजुटता के लिए गणपति अब भी शाश्वत हैं और यही सत्य है। 

PunjabKesari Ganesh Visarjan 2020
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Niyati Bhandari

Recommended News

Related News