Alphabetical Prediction: A से लेकर Z तक नाम के पहले अक्षर में छुपा है भविष्य, जानें कुछ गहरे राज!
punjabkesari.in Tuesday, Aug 12, 2025 - 05:54 PM (IST)

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Name Astrology: पुराने समय से ही प्रथा चली आ रही है कि हमारे नाम जन्म राशि के आधार पर रखे जाते हैं। हालांकि आज के समय में काफी लोग अपनी संतान का नाम राशि अनुसार न रखते हुए पसंद का कोई दूसरा नाम रख लेते हैं। ज्योतिष के अनुसार जन्म राशि के नाम के अलावा व्यक्ति का जो नाम होता है, वह भी व्यक्तित्व पर असर डालता है। कुल 12 राशियां बताई गई हैं और कुंडली में चंद्र ग्रह की स्थिति के अनुसार राशि निर्धारित होती है। किसी व्यक्ति के जन्म के समय चंद्रमा जिस राशि में होता है, उस व्यक्ति की राशि वही मानी जाती है। हर राशि के लिए अलग-अलग नाम अक्षर निर्धारित किए गए हैं। जन्म के समय चंद्र जिस राशि में होता है और जैसा नक्षत्र होता है, उसी के अनुसार नाम रखा जाता है। नाम का पहला अक्षर यानी नामाक्षर बता देता है कि किसी व्यक्ति का राशिनुसार भविष्य क्या होगा।
मेष- (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, आ/ राशि स्वरूप : मेंढा जैसा, राशि स्वामी- मंगल)
मेष राशि के लोगों में नेतृत्व करने की क्षमता अद्भुत होती है। ये लोग कई लोगों से काम करवाने की योग्यता रखते हैं। निर्णय क्षमता में शीघ्रता, दक्षिण-पूर्व से लाभ, पूर्ण काम, राजनेता के साथी (राजा मित्र) अग्नि तत्व तथा रक्त वर्ण वाले होते हैं। अपने हाथ हमेशा लाल रंग का रुमाल रखें। शाम के समय गेहूं-गुड़ जरूरतमंद बच्चों को दान करें। बाएं हाथ में चांदी का छल्ला पहनें।
वृष- (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो/ राशि स्वरूप : बैल जैसा, राशि स्वामी- शुक्र)
इस राशि के लोग उपभोगवादी, विलासिता से परिपूर्ण, कार्यक्षमता को हरदम आगे बढ़ाने वाले, उत्तर दिशा से विशेष लाभ, कामेच्छा रखने वाले, संबंधियों में प्रिय, रजोगुणी तथा दूरदर्शिता वाले होते हैं। शनिवार को हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। सरसों और तिल के तेल का दान करें। मूंग की दाल तथा गाय का दान करें या गाय को रोज घास खिलाएं।
मिथुन- (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, ह / राशि स्वरूप : स्त्री-पुरुष आलिंगनबद्ध, राशि स्वामी- बुध)
मिथुन राशि द्विस्वभाव राशि है। इस राशि के लोग कला, गायन में रुचि रखने वाले होते हैं। तर्क में दक्ष होते हैं, अपनी बात मनवाने वाले, कभी-कभी असहज अनुभव करने वाले, चित्रकला, वाक्युद्ध करने, घूमने-फिरने वाले होते हैं। आप मां दुर्गा की पूजा आराधना करें। प्रतिदिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलाएं। कबूतरों को मूंग खिलाएं।
कर्क - (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो/ राशि स्वरूप : केकड़ा, राशि स्वामी-चंद्रमा)
कभी-कभी हिंसात्मक या बदला लेने की प्रवृत्ति वाले, कार्य को अंजाम देने में माहिर, अस्थिर बुद्धि वाले, जल्दबाजी में निर्णय लेने वाले, किंतु विजेता होते हैं। अद्भुत तार्किक क्षमता, दुविधा वाले होते हैं। आप परिवार के लोगों को तीर्थ यात्रा कराएं। पक्षियों को अन्न खिलाएं। चावल, चांदी और दूध अपनी बेटी या बहन को दें।
सिंह- (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे/ राशि स्वरूप : शेर जैसा, स्वामी-सूर्य)
पराक्रम, ओज से परिपूर्ण, अपनी बात को मनवाने वाले, शीघ्र निर्णय लेने वाले, घूमने-फिरने के शौकीन, नेतृत्व क्षमता को भुनाने वाले, शीघ्र क्रोध में आने वाले किंतु शांत प्रकृति के होते हैं। इस राशि के लोगों को यथा शक्ति चावल, चांदी एवं दूध का दान करना चाहिए। कभी भी किसी से कोई चीज मुफ्त में या बिना कारण न लें। प्रतिदिन माता एवं दादी के चरण स्पर्श करें।
कन्या- (ढो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो/ राशि स्वरूप : कन्या, स्वामी-बुध)
इस राशि के जातक प्रेम से वश में आने वाले, स्वयं के श्रम से उद्यमी, द्विस्वभाव अर्थात वैचारिक परिवर्तन वाले, सहयोगी, कवि, लेखक, गीतकार आदि होते हैं। अपनी माता, बहन, पुत्री और अन्य स्त्रियों का सदैव सम्मान करें। प्रति मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं। शनिवार को शनि देव का विशेष पूजन करें।
तुला- (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते/ राशि स्वरूप : तराजू जैसा, राशि स्वामी- शुक्र)
परिस्थितियों को अपने पक्ष में करने वाला, साहसिक कार्य करने का शौकीन, बलिष्ठ, धनवान, राजसेव्य, यात्रा में आनंद उठाने वाला होता है। गाय एवं अन्य पशु-पक्षियों को भोजन कराएं। ससुराल पक्ष से दिया हुआ कोई चांदी का सिक्का अपने पास रखें। गाय को घास खिलाएं। सरसों दान करें।
वृश्चिक- (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू/ राशि स्वरूप : बिच्छू जैसा, राशि स्वामी- मंगल)
कार्यशैली में बदलाव, तुरंत परिवर्तन की चाह, नया नेतृत्व, अपनी विधा या शैली से आगे बढ़ने और श्रेष्ठ व्यवहार वाला होता है। पीपल की जड़ में रोज जल चढ़ाएं और पीपल की 7 परिक्रमा करें। प्रतिदिन सोने से पूर्व हनुमान चालीसा का पाठ करें। लाल रंग का रुमाल सदैव अपने पास रखें।
धनु- (ये, यो, भा, भी, भू, धा, फा, ढा, भे/ राशि स्वरूप : धनुष उठाए हुए, राशि स्वामी- बृहस्पति)
अपने कार्य को बखूबी अंजाम देने वाले, लक्ष्य पर केंद्रित, अध्यात्म-साधना के प्रति रुचि वाले, पूर्व दिशा वाले, अद्भुत कार्य क्षमता के धनी होते हैं। पीला रुमाल सदैव अपने पास रखें। घर में पीले रंग के फूल का पौधा लगाएं। प्रतिदिन शिव मंदिर जाएं और ब्राह्मण या अन्य किसी जरूरतमंद को धन का दान करें।
मकर- (भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी/ राशि स्वरूप : मगर जैसा, राशि स्वामी- शनि)
सहज व सरल प्रकृति के कारण आकर्षण का केंद्र बनते हैं। भावनाओं से प्रभावित हो जाते हैं। पश्चिम-दक्षिण से विशेष लाभ लेने वाले तथा बात के धनी माने जाते हैं। बंदरों को चने या अन्य खाने की चीज खिलाएं। गीली मिट्टी से तिलक करें। दूध में चीनी मिलाकर बरगद के वृक्ष पर चढ़ाएं।
कुंभ- (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा/ राशि स्वरूप : घड़े जैसा, राशि स्वामी- शनि)
गूढ़ रहस्य का ज्ञानी, गंभीरता, अध्यात्म में रुचि, धर्म का जानकार, परिश्रम से आगे बढ़ने वाला, दार्शनिक, विचारों द्वारा सम्मान पाने वाला होता है। रोटी पर सरसों का तेल लगाकर गाय को खिलाएं। प्रतिदिन घर से निकलने से पहले केसर का तिलक लगाएं। प्रतिदिन शिव मंदिर जाएं और शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
मीन- (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची/ राशि स्वरूप : मछली जैसा, स्वामी- बृहस्पति)
सभी को साथ में लेकर चलने की प्रकृति आपको विशेष दर्जा दिलाती है। आकर्षक व्यक्तित्व, धार्मिक गुण, समयानुसार व्यवहार करने वाले होते हैं। देव गुरु बृहस्पति की वस्तुओं का दान करें। प्रतिदिन पक्षियों को दाना डालें। गाय को घास खिलाएं।