Aja Ekadashi: जीवन में सुख-समृद्धि की बढ़ोतरी के लिए इस एकादशी करें ये एक उपाय
punjabkesari.in Monday, Aug 18, 2025 - 07:00 AM (IST)

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Aja ekadashi upay: हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को अजा एकादशी का व्रत रखा जाता है। ऐसे में साल 2025 में ये व्रत 19 अगस्त को रखा जाएगा। बता दें कि ये दिन श्री हरि को समर्पित है और इस दिन श्री हरि विष्णु और माता लक्ष्मी की पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। मान्यता है कि अजा एकादशी का व्रत रखने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है और पापों से मुक्ति मिलता है। अगर ऐसे शुभ अवसर पर कुछ खास उपायों को भी कर लिया जाए तो साधक को लक्ष्मी नारायण की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि का वास भी बना रहता है। तो चलिए जानते हैं अजा एकादशी के दिन कौन से उपाय करने चाहिए।
सबसे पहले उपाय के तौर पर अजा एकादशी के एक पान का पत्ता लें और उस पर रोली या कुमकुम से श्री लिख कर भगवान विष्णु के चरणों में समर्पित कर दें। इसके बाद श्री हरि की पूरे विधि-विधान से पूजा करें और उस पत्ते को उठाकर अपने घर की तिजोरी में रख दें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से कारोबार में तरक्की और आमदनी में वृद्धि होती है।
अगर कोई इच्छा काफी समय से पूरी नहीं हो रही तो अजा एकादशी के दिन विष्णु जी का दक्षिणावर्ती शंख और गाय के दूध से अभिषेक करें। मान्यता है कि इस उपाय को करने से श्री हरि प्रसन्न होते हैं और जातक की हर एक मनोकामना पूरी करते हैं।
पीपल के पेड़ में भगवान विष्णु का वास माना जाता है। ऐसे में अजा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं। कहते हैं ऐसा करने से सभी देवी देवता प्रसन्न होते हैं साथ ही जातक पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। इतना ही नहीं कहा ये भी जाता है कि पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है।
इसके अलावा घर तथा जीवन में सुख-समृद्धि पाने के लिए अजा एकादशी के दिन पीले चंदन या फिर केसर में गुलाब जल मिलाकर उसका अपने माथे पर टीका लगाएं। इस कार्य को रोज़ करें। कहते हैं इस उपाय को करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
अगर आप संतान से जुड़ी किसी बात से परेशान है तो अजा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर लें और पीले रंग के वस्त्र धारण करें। फिर विष्णु मंदिर जाएं और खुद के हाथों से पीले रंग के फूलों को बनाकर विष्णु जी को अर्पित करें। श्री हरि के मंत्रों का जाप करें और समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए प्रार्थना करें। मान्यता है कि इस उपाय से संतान से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती है।