Ahoi Ashtami: अहोई अष्टमी के दिन न करें ये काम, संतान संबंधी कष्ट होंगे दूर
punjabkesari.in Thursday, Oct 09, 2025 - 06:50 AM (IST)

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Significance of Ahoi Ashtami Vrat अहोई अष्टमी व्रत का महत्व: अहोई अष्टमी को मातृत्व की शक्ति और संतान की रक्षा का पर्व माना गया है। यह व्रत महिलाएं अपने संतान की लंबी आयु, स्वास्थ्य और सफलता के लिए रखती हैं। मान्यता है कि जो महिला इस व्रत को श्रद्धा से करती है, उसे अहोई माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है कि अहोई माता पार्वती का ही रूप हैं। वह अपने भक्तों के जीवन में सुख-शांति, समृद्धि और संतान-सुख प्रदान करती हैं।
अहोई माता की कृपा से संतान को दीर्घायु और सफलता प्राप्त होती है। परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है। दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ती है। अहोई माता का व्रत करने से संतान संबंधी कष्ट समाप्त होते हैं। जीवन में आ रही बाधाएं दूर होकर नए मार्ग खुलते हैं।
What to do on Ahoi Ashtami अहोई अष्टमी के दिन क्या करें
सुबह जल्दी उठकर स्नान कर अहोई माता का संकल्प लें।
अहोई माता, भगवान शिव और पार्वती की पूजा करें।
अहोई कथा अवश्य पढ़ें या सुनें।
गरीबों को भोजन और वस्त्र का दान करें।
शाम को तारों को अर्घ्य देकर व्रत खोलें।
संतान के मंगल जीवन के लिए ‘ॐ अहोई माता नमः’ मंत्र का जाप करें।
What not to do on Ahoi Ashtami अहोई अष्टमी के दिन क्या न करें
काले या गहरे रंग के कपड़े न पहनें।
क्रोध, झगड़ा या नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
इस दिन मांसाहार या नशे का सेवन वर्जित है।
किसी का अपमान या वाद-विवाद न करें।
व्रत के दिन झूठ बोलना और चुगली करना निषेध है।