ईश्वर की स्तुति, प्रार्थना और उपासना ही प्रभु का भजन है: आचार्य शास्त्री

punjabkesari.in Thursday, Aug 29, 2019 - 11:36 AM (IST)

ये नहीं देखा तो क्या देखा(Video)
जालंधर (वीना): आर्य समाज मंदिर माडल टाऊन में श्रावणी उपाकर्म के उपलक्ष्य में चल रहे वेद प्रचार पखवाड़ा कार्यक्रम में प्रवचन करते हुए आचार्य विष्णुमित्र शास्त्री ने कहा कि ईश्वर का भजन करने के तीन माध्यम हैं स्तुति, प्रार्थना और उपासना। प्रभु की महिमा का गुणगान करने में कंजूसी न करें। परिवार में जैसे माता-पिता की प्रशंसा करते हो अध्यात्म में भगवान की करनी चाहिए। अपनी आत्मा के कल्याण के लिए की गई याचना प्रार्थना है तथा ईश्वर की निकटता को प्राप्त करना ही उपासना है। रश्मि घई ने ‘वे देखीं दिल न किसे दा दुखावीं, दिल विच्च रब्ब वसदा’ भजन गाकर ईश्वर की महिमा सुनाई।

अजय महाजन द्वारा संचालित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समाज के प्रधान अरविंद घई ने सभी को दूसरों के अच्छे कार्यों की प्रशंसा करने की प्रेरणा दी। उन्होंने बताया कि 29 का कार्यक्रम डा. ऋषि आर्य, 30 का लक्ष्मी राजदान और 31 अगस्त का श्री के.के. नागपाल के सौजन्य से होगा। हवन यज्ञ से शुरू हुए कार्यक्रम में सरिता विज, नरिन्द्र विज, अंजोरी मेहरा, मोना मेहरा, तरुण मेहरा, शैलेन्द्र मेहरा, उज्ज्वल मेहरा, संगीता सूरी और अश्विनी सूरी ने मुख्य यजमान बनकर यज्ञ में आहुतियां डालीं, जबकि पंडित सत्यप्रकाश शास्त्री और पंडित बुधदेव वेदालंकार ने मंत्रोच्चारण किया। 

इस अवसर पर ओम प्रकाश महाजन, आनंद प्रकाश चावला, अशोक बतरा, डा. ऋषि आर्य, विभा आर्य, डा. सुषमा चोपड़ा, बलदेव मेहता, पूर्ण चंद, जोगिन्द्र भंडारी, पिं. सोम दत्त भगत, रामपाल गोस्वामी, रितेश कुन्द्रा, रवि महाजन, ऊषा महाजन व अन्य भी मौजूद थे।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Lata

Recommended News

Related News