एक निश्चिय बदल सकता है आपकी पूरी Life

punjabkesari.in Monday, Mar 16, 2020 - 11:11 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
सायमन रेन एक फ्रांसीसी व्यापारी थे। उनका चमड़े का व्यवसाय था। वह अपने बेटे से इतना प्यार करते थे कि जब वह 5 साल का था, तभी उसे अपने साथ दुकान पर ले जाते थे। वह भी दिन भर उनके साथ दुकान में रहता था। मां के लिए भी यह सुखद ही था क्योंकि जब तक वह घर में नहीं रहता था, उन्हें घर का कामकाज निपटाने का मौका मिल जाता था। एक दिन सायमन कुछ काम से दुकान छोड़कर बाहर गए। जाते-जाते लड़के को कुछ भी छूने से मना कर गए थे। 
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कुछ देर तक तो वह शांत बैठा, पर जैसे ही उसकी नजर सूजे (जूते सिलने की मोटी सूई) पर पड़ी, उसकी शरारत शुरू हो गई। तेजधार वाले नुकीले सूजे को हाथ में लेकर बालक वहीं पर रखे चमड़े में उसी तरह छेद करने लगा जिस तरह वह अपने पिता को करते देखता था। इसी खेल में बालक के हाथों ने एक बार गलती की और वह नुकीला धारदार सूजा सीधे उसकी आंख में लग गया। चोट से बालक की आंख खराब हो गई और बाद में यह इन्फैक्शन दूसरी आंख में भी फैल गया। परिणाम यह हुआ कि बालक की दोनों आंखों की रोशनी चली गई और वह जीवन भर के लिए अंधा हो गया। यह बालक कोई और नहीं बल्कि लुई ब्रेल था। बालक की लगन और इच्छाशक्ति देखिए कि उसकी आंखों में रोशनी नहीं थी, इसके बावजूद उसने अपनी पढ़ाई जारी रखी। 
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1852 में तैंतालीस वर्ष की अल्पायु में ही लुई ब्रेल का निधन हो गया लेकिन अपनी मेहनत और लगन से अल्पायु में ही उन्होंने ब्रेल लिपि विकसित की जिसका उपयोग आज भी नेत्रहीनों के लिए लिखने, पढऩे और छापने के लिए किया जाता है। दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत के साथ पक्के इरादे वाले लोग विपरीत परिस्थितियों को अपने लिए अवसर के रूप में इस्तेमाल कर लेते हैं और अपने पीछे बहुत बड़ी विरासत छोड़ जाते हैं।


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