4th Mangla Gauri Vrat: कुंवारों के लिए वरदान और विवाहितों के लिए सुखी जीवन का आगाज है ये व्रत

punjabkesari.in Tuesday, Aug 13, 2024 - 04:00 AM (IST)

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4th Mangla Gauri Vrat 2024: आज चौथा मंगला गौरी व्रत है, जो हर साल सावन माह के चौथे मंगलवार को मनाया जाता है। यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं द्वारा किया जाता है। जो सुहाग और पारिवारिक सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। महिलाएं इस दिन उपवासी रहकर मंगला गौरी की पूजा करती हैं, जो सती के रूप में पूजनीय हैं। शास्त्रनुसार श्रावण माह के मंगलवार के दिन मंगला गौरी पूजन का विधान है। मतानुसार देवी गौरी के मंगला स्वरूप के पूजन से मनुष्य के सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। कुंवारों को मनभावन वर-वधू प्राप्त होते हैं व शादीशुदा व्यक्तियों का दांपत्य जीवन सुखी रहता है। मंगला गौरी के विशिष्ट पूजन से विवाह में आ रहे विलंब दूर होते हैं, गृह कलेश की स्थिति समाप्त होती है, सांसरिक संबंध मधुर बनते हैं, डाइवोर्स तथा सेपरेशन से संबन्धित ज्योतिष योग शांत होते हैं। इनके पूजन से विधवा व विधुर योग से मुक्ति मिलती है। जीवनसाथी से संबंध मधुर बनते हैं तथा जीवनसाथी के प्राणो की सुरक्षा भी होती है।

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Mangala Gauri Puja vidhi मंगला गौरी पूजा विधि: मंगला गौरी व्रत के दिन देवी मंगला गौरी के साथ गणेश जी, भगवान शिव, कार्तिकेय, नंदी, हनुमान जी तथा भैरव बाबा का पूजन किया जाता है। इस पूजन में अंक 16 का बड़ा महत्व है। पूजन में 16 ही वस्तुएं सोलह की संख्या में देवी पर अर्पित की जाती हैं जैसे फूल, लड्डू, फल, पान के पत्ते, सुपारी, चूड़ियां इठड़ी 16 ही वस्तुएं देवी मंगला गौरी को अर्पित की जाती हैं।

Mangala Gauri Remedies मंगला गौरी उपाय: मंगला गौरी मंत्र अनुष्ठान वैवाहिक जीवन हेतु अचूक उपाय है। इसका परंपरागत मंत्र, विनियोग, न्यास, ध्यान, पूजन यंत्र एवं विधि इस प्रकार हैं। नित्य कर्मों से निवृत्त होकर आचमन एवं मार्जन कर चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर अष्ट गंध एवं चमेली की कलम से भोजपत्र पर लिखित मंगला गौरी यंत्र स्थापित कर विधिवत विनियोग, न्यास एवं ध्यान कर पंचोपचार से उस पर श्री मंगला गौरी का पूजन कर उक्त मंत्र का जप करना चाहिए। इस मंत्र की जप संख्या 64,000 है। लाल आसन पर उत्तराभिमुख बैठकर प्रसन्न भाव से अनुष्ठान करें। विश्वासपूर्वक विनियोग, श्रद्धापूर्वक पूजन एवं मनोयोगपूर्वक जप करने से अनुष्ठान सफल होता है।

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Mangala Gauri Mantra मंगला गौरी मंत्र: ह्रीं मंगले गौरि विवाहबाधां नाशय स्वाहा। 

Mangala Gauri Meditation मंगला गौरी ध्यान: कुमकुमागुरु तिपतांगा सर्वआवरण भूषितम् नीलकंठ प्रयाम गौरीम् वंदम मंगलावयम्॥

Mangala Gauri Viniyoga मंगला गौरी विनियोग: अस्य श्री मंगला गौरि मन्त्रस्य अजऋषिः गायत्री छन्दः श्री मंगलागौरि देवता ह्रीं बीजं स्वाहा शक्तिः ममाभीष्टं सिद्धये जपे विनियोगः।

Mangala Gauri Rishyadi Trust मंगला गौरी ऋष्यादि न्यास: अजाय ऋषये नमः शिरसि। गायत्री छन्दसे नमः मुखे। मंगला गौरि 

देवतायै नमः हृदि। ह्रीं बीजाय नमः गुह्ये। स्वाहा शक्तये नमः पादयोः।

Mangala Gauri Karanyas मंगला गौरी करन्यास: अंगुष्ठाभ्यां नमः। ह्रीं तर्जनीभ्यां नमः। मंगले गौरि मध्यमाभ्यां नमः। 

विवाहबाधां अनामिकाभ्यां नमः। नाशय कनिष्ठिकाभ्यां नमः। स्वाहा करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः।

Mangala Gauri Anganyas मंगला गौरी अंगन्यास: हृदयाय नमः। ह्रीं शिरसे स्वाहा। मंगले गौरि शिखायै वषट्। विवाह बाधां कवचाय हुम्। नाशय नेत्रत्रयाय वौषट्। स्वाहा अस्त्राय फट्।

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Content Writer

Niyati Bhandari

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