15 अगस्त के बाद आम लोगो को मिलेगी राहत

punjabkesari.in Saturday, Aug 13, 2016 - 12:55 PM (IST)

इस साल दो विशेष ग्रहों की युति विशेष रही। राहु सिंह राशि में और केतु कुंभ में। हालांकि एक पंचाग के अनुसार यह राशि परिवर्तन 9 जनवरी, 2016 को पहले ही रात्रि 10 बजकर 10 मिनट पर हो चुका था और एक अन्य गणना के अनुसार 17 जनवरी को दोपहर 3 बजे राहु कन्या राशि से अपनी वक्री चाल के अनुसार पीछे की ओर छठी से  5वीं राशि सिंह में प्रवेश कर गया।  इसके अलावा शनि अपने शत्रु मंगल की 8वीं राशि में 26 जनवरी, 2017 तक विराजमान रहेंगे।  

अधिकांश पंचांगों के अनुसार, 29 जनवरी की रात एक बजकर 21 मिनट पर राहु सिंह राशि में उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र के प्रथम चरण में और केतु कुंभ राशि के पूर्वा भाद्रपद के तृतीय चरण में प्रवेश कर गए। सिंह राशि में अभी गुरु 11 अगस्त की रात्रि 9 बजकर 25 मिनट तक रहेंगे। ज्योतिष में गुरु और राहु जब एक साथ बैठे हों तो इसे ‘चांडाल योग’ कहा जाता है।  परंतु सबका बुरा या सबका अच्छा ही हो, ऐसा कभी नहीं होता। गुरु का राशि परिवर्तन ,11 अगस्त, 2016 को ,रात्रि 9 बजकर 30 मिनट पर हो जाएगा। यह छठी राशि अर्थात कन्या राशि में प्रवेश कर जाएंगे।
 
एक तो सिंह राशि में गुरु-राहु का चांडाल योग, उसके ऊपर शनि की दृष्टि। मेदिनी ज्योतिष के अनुसार इस तरह के योग से विश्व में आतंकी घटनाओं में वृद्धि, प्राकृतिक आपदाएं, युद्ध, नर संहार, उपद्रव, धार्मिक उन्माद, अधिक वर्षा,  बाढ़ , भूस्खलन, बादल फटना, भूकंप, धार्मिक असहिष्णुता, अनुशासनहीनता, भ्रष्टाचार, देश द्रोह, धोखाधड़ी, फ्रॉड, साईबर क्राइम , राजनीतिक उथल-पुथल, दल बदल, राजनीतिक कृतघ्नताएं , धार्मिक गुरुओं का उन्माद या उनकी चरित्रहीनता या उनकी वाणी से नुक्सान, शिक्षा का स्तर गिरना, दलबदल जैसे विषय छाए रहते हैं। 
 
गुरु ज्ञान, शिक्षा, शिक्षण संस्थाओं, गुरुओं, धर्म गुरुओं,  स्वर्ण ,भाग्य, नियम, संतान, सम्मान, सफलता, प्रशासनिक अधिकारी, ज्योतिष, मंत्री पद, लेखन, अध्यापन, मोटापे, कोलेस्ट्राल आदि का कारक ग्रह है।
 
राहु विघ्नकारक ग्रह है और जिस ग्रह के साथ होगा उसके फलों को खराब करेगा। मंगल ग्रह साहस, वीरता, शौर्य, क्रोध, ज्वलनशील पदार्थ, बम, विस्फोट, आक्रोश, शत्रु,  युद्ध, दुर्घटना, आतंकवाद, सेना, अस्त्र-शस्त्र, इत्यादि का कारक है। शनि ग्रह, जीवन- मरण, दुख, अनुचित आचार-व्यवहार, निम्न कार्य, चरित्र हनन, अदालती कार्य, अवरोध, खनिज आदि का कारक है।
 
जब आकाशमंडल में मंगल, शनि, राहु व गुरु विपरीत स्थितियों में होंगे तो उन ग्रहों से संबंधित घटनाएं विश्व में होंगी। शनि ग्रह मंगल की वृश्चिक राशि में अभी 26 जनवरी 2017 तक रहेंगे और इसके बाद शनि का राशि परिवर्तन अर्थात गुरु की नवम राशि में आ जाएंगे। बृहस्पति-राहु का संगम 11 अगस्त  2016 को टूट जाएगा। 
 
कुल मिला कर आम लोगों को स्वतंत्रता दिवस (Indepenndence Day) के बाद कुछ राहत की सांस मिलेगी। राजनीतिक समीकरण बदलेंगे। दल-बदल के नए दृश्य सामने आएंगे। सोने की कीमतें  दीवाली तक काफी बढ़ सकती हैं। शेयर मार्कीट उठेगी। रियल एस्टेट कुछ संभलेगा। राजनीतिक उथल-पुथल 26 जनवरी, 2017 से और बढ़ेगी। भारत के कई राज्यों तथा विश्व के कुछ देशों में सत्ता परिवर्तन होगा। भारत की लोकप्रियता, प्रभुसत्ता, प्रभाव, दबाव, दबदबा आदि फरवरी 2017 के पश्चात और बढ़ जाएगा। 
—मदन गुप्ता सपाटू 

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