19-Minute MMS क्या वायरल हुआ ‘नया पार्ट’ भी डीपफेक? कौन है Sweet Jannat? और क्यों घिरी विवादों में?

punjabkesari.in Wednesday, Dec 03, 2025 - 09:50 AM (IST)

नेशनल डेस्क: सोशल मीडिया इस हफ्ते एक ऐसे तूफ़ान से गुज़र रहा है, जिसने यह साबित कर दिया है कि इंटरनेट पर फैलती अफवाहें इंसान की पहचान, इमेज और मानसिक हालत को कितनी तेज़ी से हिला सकती हैं। बात हो रही है उस कुख्यात ‘19 मिनट वाले वायरल वीडियो’ की, जिसने पिछले कुछ दिनों में पूरे देश का ध्यान खींच लिया। अब दावा किया जा रहा है कि इसका ‘नया पार्ट’ भी सामने आ गया है— इस पूरे हंगामे के बीच अब साफ़ संकेत मिल रहे हैं कि मामला महज़ वायरल वीडियो का नहीं, बल्कि AI डीपफेक के खौफनाक दुरुपयोग का हो चुका है।

 कौन है Sweet Jannat? और क्यों घिरी विवादों में?

मेघालय के महेंद्रगंज की रहने वाली इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर स्वीट जन्नत कुछ ही समय में सोशल मीडिया पर काफी लोकप्रिय हो चुकी थीं। लेकिन 27 नवंबर को एक कथित 19 मिनट 34 सेकंड का प्राइवेट वीडियो वायरल होते ही उनकी जिंदगी एकदम बदल गई। वीडियो में मौजूद लड़की को जन्नत बताकर लोग सोशल मीडिया पर बाढ़ की तरह कमेंट कर रहे थे। यहां तक कि “लिंक भेजो”, “19 मिनट वाला वीडियो” जैसे मैसेज हर जगह दिखाई देने लगे।

 वायरल वीडियो का सच—जन्नत ने खुद बताई असलियत

28 नवंबर को स्वीट जन्नत ने सामने आकर साफ कर दिया कि यह वीडियो पूरी तरह AI डीपफेक है। उन्होंने कहा—

  • “वीडियो में जो लड़की है, उसकी बोलने का तरीका, लुक्स, सब अलग है।”

  • “मैंने मुश्किल से 12th पास की है, जबकि वीडियो में लड़की इंग्लिश फ़्लूएंट बोल रही है।”

  • “यह सब मेरे लिए मज़ाक नहीं, बल्कि बहुत स्ट्रेस की वजह बन गया है।”

विवाद बढ़ने के बावजूद उनके फॉलोअर्स अचानक तेज़ी से बढ़ गए, लेकिन मेंटल स्ट्रेस ने उन्हें हिला दिया।

 क्या वायरल हुआ ‘नया पार्ट’ भी डीपफेक?

सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि वीडियो का दूसरा हिस्सा भी आ चुका है।
लेकिन अभी तक किसी भी ऑफिशियल एजेंसी ने ऐसे किसी ‘पार्ट 2’ या ‘लीक्ड वीडियो’ की पुष्टि नहीं की है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह भी संभव है कि वायरल हो रहे क्लिप्स AI द्वारा बनाए गए नए डीपफेक वर्जन हों।

 डीपफेक का बढ़ता खतरा—सोशल मीडिया पर नई चेतावनी

इस मामले ने एक बार फिर दिखा दिया है कि डीपफेक तकनीक कितनी खतरनाक हो चुकी है—किसी की भी चेहरा लगाकर फेक वीडियो तैयार कर दिया जाता है। वायरल होते देर नहीं लगती और व्यक्ति की प्रतिष्ठा मिनटों में खत्म हो सकती है। कई साइबर विशेषज्ञ महीनों से चेतावनी दे रहे हैं कि भारतीय यूज़र्स को डीपफेक से बचाने के लिए कड़े कानून और जागरूकता दोनों की जरूरत है।


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News Editor

Rahul Rana

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