घर में बना रहे लक्ष्मी का वास, पूर्णिमा के दिन अपनाएं ये उपाए

punjabkesari.in Wednesday, Aug 17, 2016 - 11:04 AM (IST)

हिंदू पंचाग के अनुसार प्रत्येक महीने के 30 दिनों को 15-15 दिन के दो पक्षों में बांटा जाता है। शुक्ल पक्ष अौर कृष्ण पक्ष। शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन को पूर्णिमा कहा जाता है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पूर्ण आकार में दिखाई देता है। प्रत्येक महीने की पूर्णिमा को कोई न कोई पर्व या व्रत अवश्य मनाया जाता है। हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा मां लक्ष्मी को प्रिय है इसलिए इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को जीवन में किसी चीज की कमी नहीं रहती।

 

* शास्त्रों के अनुसार प्रत्येक पूर्णिमा के दिन सुबह के समय पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन सुबह नित्य कर्मों से निवृत होकर पीपल के वृक्ष पर कुछ मीठा रखें अौर मीठा जल अर्पित करके धूप जलाकर लक्ष्मी मां की पूजा करें अौर उन्हें अपने घर पर आने के लिए आंमत्रित करें। इस प्रकार करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

 

* प्रत्येक पूर्णिमा को शिवालय में सवा किलो अखंडित चावल लेकर जाएं। वहां जाकर विधिवत भोलेनाथ का पूजन करें अौर उसके पश्चात अपने दोनों हाथों से चावल उठाएं, जितने चावल दोनों हाथों में आते हैं उतने शिवलिंग पर अर्पण करें बाकि शेष बचे चावलों को दक्षिणा स्वरुप मंदिर के पुजारी या जरुरतमंद को दान कर दें। प्रत्येक पूर्णिमा अौर सावन के सभी सोमवार को ये उपाय करने से भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है। भोलेनाथ संपूर्ण आर्थिक मुश्किलों को दूर करके कार्य क्षेत्र में सफलता प्रदान करते हैं।

 

* पूर्णिमा के दिन शिवलिंग पर शहद, कच्चा दूध, बेलपत्र, शमीपत्र अौर फल अर्पित करने से भोलेनाथ की कृपा सदैव बनी रहती है। घर के कलह अौर अंशाति को दूर करने के लिए पूर्णिमा के दिन सफेद चंदन में केसर मिलाकर भगवान शिव को अर्पित करें।

 

* पूर्णिमा को सुबह के समय घर के मुख्य द्वार पर आम के पत्तों से निर्मित तोरण लगाएं, जिससे घर में शुभता का वातावरण बना रहेगा।

 

* सुखी दांपत्य जीवन के लिए पूर्णिमा अौर अमावस्या को काम क्रिड़ा न करें।

 

* पूर्णिमा वाले दिन चंद्रमा के उदय होने के पश्चात साबूदाने की खीर में मिश्री डालकर बनाएं अौर मां लक्ष्मी को भोग लगाकर प्रसाद स्वरुप सभी में बांट दें। घर में लक्ष्मी का आगमन होगा।

 

* इस दिन तामसिक वस्तुअों का सेवन न करें। जुआ, शराब, नशा, क्रोध अौर हिंसा से दूर रहें। बड़े बुजुर्गों का अपमान न करें।


* सुबह के समय हल्दी में थोड़ा जल डाल कर घर के मुख्य द्वार पर ऊँ बनाएं।

 


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