जीवन में 3 तरह के व्यक्तियों के साथ होता है सामना

punjabkesari.in Tuesday, Jun 30, 2015 - 10:46 AM (IST)

गुरुकुल में शिक्षा प्राप्त कर रहे शिष्यों में आज काफी उत्साह था, उनकी 12 वर्षों की शिक्षा आज पूर्ण हो रही थी और अब वे अपने घरों को लौट सकते थे । गुरु जी भी अपने शिष्यों की शिक्षा-दीक्षा से प्रसन्न थे और गुरुकुल की परम्परा के अनुसार शिष्यों को आखिरी उपदेश देने की तैयारी कर रहे थे । उन्होंने ऊंची आवाज में कहा, ‘‘आप सभी एक जगह एकत्रित हो जाएं, मुझे आपको आखिरी उपदेश देना है ।’’ गुरु की आज्ञा का पालन करते हुए सभी शिष्य एक जगह एकत्रित हो गए । गुरु जी ने अपने हाथ में कुछ लकड़ी के खिलौने पकड़े हुए थे,  उन्होंने शिष्यों को खिलौने दिखाते हुए कहा, ‘‘आपको इन तीनों खिलौनों में अंतर ढूंढने हैं ।’’

सभी शिष्य ध्यानपूर्वक खिलौनों को देखने लगे, तीनों लकड़ी से बने बिल्कुल एक समान दिखने वाले गुड्डे थे । सभी चकित थे कि भला इनमें क्या अंतर हो सकता है? तभी किसी ने कहा, ‘‘अरे, यह देखो इस गुड्डे के एक छेद है ।’’यह संकेत काफी था, जल्द ही शिष्यों ने पता लगा लिया और गुरु जी से बोले, ‘‘गुरु जी इन गुड्डों में बस इतना ही अंतर है कि-एक के दोनों कान में छेद है । दूसरे के एक कान और मुंह में छेद है । और तीसरे के सिर्फ एक कान में छेद है ।’’गुरु जी बोले, ‘‘बिल्कुल सही ।’’ और उन्होंने धातु का एक पतला तार देते हुए उसे कान के छेद में डालने के लिए कहा ।

शिष्यों ने वैसा ही किया, तार पहले गुड्डे के एक कान से होता हुआ दूसरे कान से निकल गया, दूसरे गुड्डे के कान से होते हुए मुंह से निकल गया और तीसरे के कान में घुसा पर कहीं से निकल नहीं पाया। तब गुरु जी ने शिष्यों से गुड्डे अपने हाथ में लेते हुए कहा, ‘‘प्रिय शिष्यो, इन तीनों गुड्डों की तरह ही आपके जीवन में 3 तरह के व्यक्ति आएंगे । पहला गुड्डा ऐसे व्यक्तियों को दर्शाता है जो आपकी बात एक कान से सुन कर दूसरे से निकाल देंगे, आप ऐसे लोगों से कभी अपनी समस्या सांझा न करें ।

दूसरा गुड्डा ऐसे लोगों को दर्शाता है जो आपकी बात सुनते हैं और उसे दूसरों के सामने जाकर बोलते हैं, इनसे बचें और कभी अपनी महत्वपूर्ण बातें इन्हें न बताएं और तीसरा गुड्डा ऐसे लोगों का प्रतीक है जिन पर आप भरोसा कर सकते हैं और उनसे किसी भी तरह का विचार-विमर्श कर सकते हैं, सलाह ले सकते हैं, यही वे लोग हैं जो आपकी ताकत हैं और इन्हें आपको कभी नहीं खोना चाहिए।’’ 


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