चाणक्य नीति: राजा के इस अवगुण के कारण सेवक भी हो जाते हैं उनके समान

punjabkesari.in Sunday, Jun 12, 2016 - 01:14 PM (IST)

भारतीय साहित्य और आम जनमानस में आचार्य चाणक्य की नीतियों का महत्त्वपूर्ण स्थान है। इन्हें अपने जीवन में अपनाकर जीवन को सुखमय एवं सफल बना सकते हैं। आचार्य चाणक्य का अनुसरण करके साधारण बालक चंद्रगुप्त मगध का सम्राट बना था। उन्हें राजनीति कुशल, कूटनीति में संपन्न, अर्थशास्त्र के विद्वान माना जाता है। उनकी नीतियों में सुखी जीवन के कई सूत्र छिपे हैं, जिन्हें आज भी प्रयोग में लाया जाता है। 

 

जैसा राजा वैसे सेवक

 

न भृत्यान् प्रेषयति।

 

अर्थात: आलसी राजा की प्रशंसा उसके सेवक भी नहीं करते क्योंकि जो राजा आलसी होता है, उसके सेवक भी उसकी प्रशंसा नहीं करते क्योंकि अपने स्वामी के समान वे भी आलसी हो जाते हैं।

 


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