SSA शिक्षकों को विभाग की चेतावनी, रिजल्ट अच्छा नहीं रहा तो धोना पड़ेगा नौकरी से हाथ

punjabkesari.in Tuesday, Jul 23, 2019 - 09:52 AM (IST)

चंडीगढ़(वैभव) : शहर के सरकारी स्कूलों का बेशक बोर्ड का रिजल्ट इस बार बेहतर आया हो लेकिन कई टीचर्स ऐसे भी हैं, जिनकी सोच यहां तक ही सीमित है कि उन्हें स्कूल में अपनी अटैंडैंस लगानी है और 1 या 2 बजे वापस अपने घर चले जाना है। हालांकि कई टीचर्स ऐसे भी हैं जो अपनी जिम्मेदारी अच्छे ढंग से निभाते हैं। 

सरकारी स्कूलों के आंकड़ों पर नजर डालें तो उन टीचर्स की संख्या ज्यादा होगी जो अपने प्रोफैशन को गंभीरता से नहीं लेते हैं। ऐसे टीचर्स पर अब भविष्य में नकेल कसेगी। सर्वशिक्षा अभियान (एस.एस.ए.) के तहत सरकारी स्कूलों में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे शिक्षकों के लिए शिक्षा विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के मामले में अब टीचर्स की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। 

विभाग ने क्लीयर कर दिया है कि अगले सत्र के लिए वही शिक्षक कॉन्ट्रैक्ट पर रखा जाएगा, जिसका परफॉमैंस बेहतर रहेगी। जिस भी टीचर का रिजल्ट खराब रहा, विभाग उसके साथ किया कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर सकता है।

जो रहेगा ईमानदार वही रहेगा पद पर :
सरकारी स्कूलों में टीचर्स का ना पढ़ाना एक गंभीर विषय है। इस समय भी कई स्कूलों में ऐसे टीचर्स हैं, जिनकी परफॉर्मैंस बिल्कुल निचले लैवल की है और वह सरकार से मोटी तनख्वाह ले रहे हैं। सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग इस बार तमाम अधिकारी इस संबंध में बैठक भी बुला चुके हैं। 

वहीं बैठक में यह फैसला लिया गया था कि स्कूलों में वहीं टीचर रहेंगे जो अपने प्रोफैशन के प्रति ईमानदार रहेंगे और जो स्कूलों सिर्फ टाइम पास करने या फिर नेतागिरी करने आते हैं, उनके लिए स्कूलों में कोई जगह नहीं है।

रैगुलर टीचर्स को भी चेतावनी : चैक होगी उनकी भी परफॉर्मैंस, एनुअल रिपोर्ट कार्ड में दर्ज होगी
सूत्रों के अनुसार इस बार सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट ही नहीं, रैगुलर टीचर्स की भी परफॉर्मैंस चैक होगी। जिस भी टीचर का रिपोर्ट कार्ड खराब होगा, उसके एनुअल रिपोर्ट में दिखाया जाएगा। जिसके तहत एनुअल परफॉर्मैंस असैस्मैंट (ए.पी.ए.आर.) में इस बार 70 से 75 फीसदी अकादमिक्स के जोड़े जाएंगे। 

इसके अलावा शहर के सैंट्रल सैक्टर्स के स्कूलों में सालों से बैठे टीचर्स की लिस्ट बनाने को कहा है। उनको शहर के पेरीफेरी इलाकों में भेजा जाएगा ताकि उन स्कूलों के रिजल्ट में भी सुधार हो सके। इस पर भी काफी तेजी से काम चल रहा है। खराब रिजल्ट आने पर रैगुलर टीचर्स के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। विभाग के इस फैसले से अब उन टीचर्स की खैर नहीं है, जो स्कूलों में पढ़ाना कम और टाइमपास ज्यादा करते हैं। 

तीन तरह के कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स दे रहे सेवाएं :
शहर के स्कूलों में इस समय तीन तरह के कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। डी.ई.ओ. (वर्ष 2002) और हैड्स पैनल (वर्ष-1998) के अंतर्गत करीब 180 कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स हैं। साल-2008 में भर्ती हुए गैस्ट टीचर्स की संख्या करीब 250 से 300 है। तीसरे सर्व शिक्षा अभियान (एस.एस.ए.) के अंतर्गत अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनकी संख्या 730 के करीब है। वहीं, कॉन्ट्रैक्ट टीचर्स के लिए कुल 1375 पोस्टेंखाली हैं जिन्हें भरने की प्रक्रिया जारी है। 

ये खड़ी होगी मुसीबत :
खराब परफॉर्मेंस के बाद किसी भी टीचर के साथ कॉन्ट्रैक्ट खत्म करना आसान नहीं रहेगा क्योंकि शहर के सरकारी स्कूल पहले ही टीचर्स की कमी झेल रहे हैं। कई स्कूल तो ऐसे हैं, जिनमें दो-तीन विषयों के अध्यापकों को छोड़ और अन्य विषयों के अध्यापक है ही नहीं। 


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Priyanka rana

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