पीएमआई इंडिया ने भारत में ट्रैक एंड ट्रेस प्रणाली की शुरुआत का स्वागत किया, तंबाकू के अवैध व्यापार पर लगेगी लगाम
punjabkesari.in Thursday, May 22, 2025 - 11:56 AM (IST)

चंडीगढ़। फिलिप मोरिस इंटरनेशनल इंक. (पीएमआई) की भारतीय साझेदार कंपनी आईपीएम इंडिया ने भारत सरकार के पैक स्तर पर ट्रैक एंड ट्रेस (टी एण्ड टी) प्रणाली लागू करने के फैसले का स्वागत किया है। कंपनी के अनुसार यह कदम न केवल तंबाकू के अवैध व्यापार पर रोक लगाने की दिशा में निर्णायक साबित होगा, बल्कि देश में नियामक निगरानी प्रणाली को भी आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव है। यह सुधार केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम की धारा 148A के तहत स्वीकृत है और इसका उद्देश्य राजस्व की रक्षा करना, निगरानी को कड़ा बनाना तथा तंबाकू व्यापार में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। इस पहल की शुरुआत सिगरेट पैक्स से की जा रही है, जिसमें हर पैक पर विशिष्ट पहचान कोड अंकित किया जाएगा। इससे कर चुकाए गए उत्पादों को अवैध उत्पादों से आसानी से अलग पहचाना जा सकेगा। यह प्रणाली रिटेल स्टोर, आपूर्ति श्रृंखला और फील्ड निरीक्षणों पर निगरानी को और अधिक सशक्त बनाएगी। ट्रैक एंड ट्रेस एक व्यावहारिक समाधान है, जो तुरंत असर दिखाएगा और तकनीक-आधारित एक आधुनिक नियामक प्रणाली की नींव रखेगा।
पीएमआई को 140 से अधिक देशों में ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम को स्वैच्छिक रूप से लागू करने का व्यापक अनुभव है। यूरोपीय संघ में कंपनी ‘टोबैको प्रोडक्ट्स डायरेक्टिव’ के तहत काम करती है, जहाँ हर पैक डिजिटल टैग किया जाता है और पूरी आपूर्ति श्रृंखला में उसका ट्रैक रखा जाता है। यूके, रूस, जॉर्डन और गल्फ कॉपरेशन काउंसिल (जीसीसी) देशों में भी इस तकनीक को सफलता से लागू किया गया है, जहाँ पीएमआई ने स्थानीय सरकारों के साथ मिलकर पारदर्शी और प्रभावी निगरानी व्यवस्था विकसित की है। इन सभी देशों में परिणाम एक जैसे रहे हैं – निगरानी बेहतर हुई है, नियमों का पालन सख्त हुआ है और अवैध तंबाकू व्यापार में स्पष्ट गिरावट देखी गई है।
तंबाकू का अवैध व्यापार सिर्फ राजस्व की हानि नहीं, बल्कि यह एक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट भी है। यह ईमानदारी से कारोबार करने वालों के लिए नुकसानदेह है और अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है। ट्रैक एंड ट्रेस जैसी तकनीक से सप्लाई चेन और निगरानी प्रणाली को आधुनिक बनाने में मदद मिलती है। यह वैध और अवैध उत्पादों के बीच साफ अंतर करके न केवल उपभोक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि कर संग्रह को भी सुरक्षित बनाती है और कानून का पालन करने वालों के लिए समान अवसर उपलब्ध कराती है।
आईपीएम इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर नवनील कर ने ट्रैक एंड ट्रेस जैसी सख्त प्रणाली की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, "यह एक बड़ा सुधार है और भारत को एक अधिक स्वच्छ, आधुनिक और पारदर्शी तंबाकू बाजार की ओर ले जाने वाला दूरदर्शी कदम है। अगर इसे सही तरीके से लागू किया गया, तो यह प्रणाली तंबाकू के अवैध व्यापार के खिलाफ हमारी लड़ाई को नया रूप दे सकती है। इससे जनता का भरोसा बढ़ेगा, सरकारी राजस्व मजबूत होगा और निगरानी की व्यवस्था और अधिक आधुनिक बन सकेगी।"
उन्होंने आगे कहा, "अवैध तंबाकू व्यापार को खत्म करना हमारी प्राथमिकता रही है और यह हमारे ऑपरेशंस को बेहतर बनाने और एक टिकाऊ भविष्य की दिशा में हमारी व्यापक कोशिशों का हिस्सा है। पीएमआई ने वैश्विक स्तर पर सप्लाई चेन की सुरक्षा के लिए कई तकनीकों में लंबे समय से निवेश किया है, और हम भारत सरकार के साथ मिलकर इस पहल को सफल बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।"
तंबाकू के अवैध व्यापार से जुड़े प्रोटोकॉल को मंजूरी देने की दिशा में भारत का यह कदम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है। डब्लू एच ओ के फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन टोबैको कंट्रोल (FCTC) के आर्टिकल 15 और 2014 के "प्रोटोकॉल टू एलिमिनेट इलिसिट ट्रेड इन टोबैको प्रोडक्ट्स" के तहत ट्रैक एंड ट्रेस (T&T) एक प्रमुख अनिवार्यता है। दुनिया के सबसे बड़े तंबाकू बाजारों में से एक और एक अहम ट्रांजिट हब के रूप में, भारत की यह पहल आधुनिकीकरण और डिजिटल निगरानी की दिशा में वैश्विक स्तर पर एक मजबूत संकेत देती है।
प्रस्तावित ट्रैक एंड ट्रेस प्रणाली का सफल कार्यान्वयन तभी संभव है जब यह एक-दूसरे से जुड़ने में सक्षम हो, नवाचार को बढ़ावा दे और कानून प्रवर्तन की गतिविधियों को बेहतर बनाए। साथ ही यह जरूरी है कि ये समाधान स्वतंत्र हों, किफायती हों और उत्पादन या वितरण के कामकाज में किसी तरह की रुकावट न डालें।
हालांकि सिर्फ तकनीक से नतीजे नहीं मिलते—इसके लिये मिलकर काम करना ज़रूरी है। असरदार प्रणाली के लिए सरकार, उद्योग और टेक्नोलॉजी प्रदाताओं के बीच करीबी सहयोग जरूरी है। यह समाधान इतने लचीले होने चाहिए कि वे भारत की जमीनी हकीकत को समझ सकें और बदलते जोखिमों से निपटने में भी सक्षम रहें।
भारत में ट्रैक एंड ट्रेस प्रणाली की शुरुआत केवल एक पहला कदम है। यह आपूर्ति श्रृंखला के नियमन को आधुनिक बनाने की दिशा में आगे बढ़ने का आधार तैयार करती है—जो आने वाले समय में ज्यादा उत्पादों, जटिल वितरण ढांचे और समान चुनौतियों से जूझ रहे दूसरे क्षेत्रों तक भी पहुंच सकती है। समझदारी से की गई भागीदारियों और लगातार नवाचार के जरिए भारत ऐसा नियामक तंत्र बना सकता है जो दुनिया के सबसे मजबूत, पारदर्शी और भविष्य के लिए तैयार सिस्टम में से एक होगा।